पांच साल में 30 रुपए लीटर से भी सस्ता मिलेगा पेट्रोल, जानें कैसे
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क्या हैं इसके कारण
नई टेक्नोलॉजी के आने से पेट्रोल-डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन पर हमारी निर्भरता कम होगी. इससे पेट्रोल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आएगी. उनके अनुसार सेल्फ ड्राइव कारों के साथ सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों में तेजी आएगी. इससे पेट्रोल के दाम 25 रुपए प्रति बैरल तक गिर सकते हैं. इन सबके अलावा, बड़ी संख्या में लोग अपना वाहन भी नहीं रखेंगे और इसकी जगह वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का उपयोग करेंगे.
कौन हैं सेबा
सेबा टेक्नोलॉजी सेक्टर के आंत्रप्रेन्योर के साथ ही स्टैंनफोर्ड में आंत्रप्रेन्योरशिप, डिसरप्शन एंड क्लीन एनर्जी जैसे विषय पढ़ाते हैं. गौरतलब है कि उन्होंने ही कई साल पहले सोलर एनर्जी की मांग में तेज इजाफे की भविष्यवाणी की थी, जबकि उस समय आज की तुलना में सौर ऊर्जा की कीमतें 10 गुना अधिक थीं।
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2021 के बाद आएगा बड़ा बदलाव
सेबा ने कहा कि 2020-21 में तेल की डिमांड अपने पीक पर होगी। इसके बाद 10 साल के भीतर तेल उत्पादन का आंकड़ा 100 मिलियन बैरल से कम होकर 70 मिलियन बैरल पर आ जाएगा. इससे कच्चे तेल की कीमत तेजी से गिरते हुए 25 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएगी। उन्होंने कहा हालांकि लोग पुराने स्टाइल की कारों का इस्तेमाल करना पूरी तरह बंद नहीं करेंगे, लेकिन इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बहुत बढ़ जाएगी। ये इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में भी सस्ते होंगे और इन्हें चलाना भी आसान होगा।
95 फीसदी लोग नहीं रखेंगे कार
सेबा ने इससे पहले यह भी कहा था कि 2030 तक 95 फीसदी लोग निजी तौर पर कार रखना बंद कर देंगे. इससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का ही सफाया हो जाएगा। उनका यह भी दावा है कि इलेक्ट्रिक कार इंडस्ट्री ग्लोबल तेल इंडस्ट्री को तबाह कर देगी।