राष्ट्रीय
पाकिस्तानी लड़की से हुआ प्यार, बॉर्डर क्रॉस कर पहुंच गया मिलने
मुंबई/इस्लामाबाद. पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को पेशावर हाईकोर्ट में माना कि तीन साल से लापता मुंबई का एक इंजीनियर हामिद अंसारी सेना की गिरफ्त में है। उस पर सैन्य कोर्ट में मुकदमा चलाया जा रहा है। हामिद तीन साल पहले एक पाकिस्तानी लड़की के प्यार में पाकिस्तान पहुंचा था।
सोशल मीडिया पर हुआ प्यार….
– नवंबर 2012 में 28 साल का निहाल नौकरी के लिए अफगानिस्तान गया था।
-सोशल मीडिया पर उसकी दोस्ती पाकिस्तान में कोहाट की रहने वाली एक लड़की से हो गई।
– उससे मिलने वह अफगानिस्तान की सीमा पार करके कोहाट आ गया। यहां एक होटल में ठहरा।
– वहां से पुलिस ने उसे खुफिया एजेंसी की मदद से 12 नवंबर 2012 को गिरफ्तार कर लिया।
– तब से उसके दोस्तों और परिवार को उसकी कोई जानकारी नहीं है।
18 महीने से चल रही थी सुनवाई
पाकिस्तानी सरकार की इस स्वीकारोक्ति के बाद हाईकोर्ट की बेंच ने निहाल अंसारी से जुड़ी याचिका खारिज कर दी। इस पर पिछले 18 महीने से सुनवाई चल रही थी। अंसारी की मां फौजिया के वकील काजी मुहम्मद अनवर ने याचिका लगाई थी। इसमें अंसारी का पता लगाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। इसी पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मसर्रतुल्ला ने जवाब पेश किया। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि निहाल पर किस आरोप में केस दर्ज है।
निकाल की चैट से पता लगा पाकिस्तानी लड़की की मदद करना चाहता था
निहाल के माता-पिता ने बताया कि जब उन्होंने निहाल और पाकिस्तानी लड़की की चैट पढ़ी तब उन्हें पता चला कि वह सिर्फ उसकी मदद करना चाहता था। निहाल की मां ने बताया कि चैट में पता लगा कि यह लड़की अपने समुदाय के लोगों के अत्याचार का शिकार हो रही थी।
सुषमा जी से की मुलाकात
निहाल के पिता ने बताया कि उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से कई बार मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सुषमा जी का रिस्पॉन्स बहुत पॉजिटिव था और हमें उम्मीद है कि भारत सरकार कानूनी रूप से हमारी मदद करेगी। बता दें कि निहाल की मां ने मुंबई की अंधेरी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने मुंबई में अफगानिस्तान के वाणिज्य दूतावास के अफसरों से भी संपर्क किया था। लेकिन तमाम मशक्कत बेकार गई।
पाकिस्तानी पत्रकार से मिला पहला सुराग
फौजिया को दो साल की मशक्कत के बाद पाकिस्तानी पत्रकार जीनत शहजादी से पता चला कि निहाल पाकिस्तान में है। इसके बाद फौजिया ने एक अर्जी इस्लामाबाद में सुप्रीम कोर्ट को भेजी। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2014 में यह केस गुमशुदा लोगों की जांच के लिए बने आयोग के पास भेज दिया। आयोग ने अप्रैल में खैबर-पख्तूनख्वा के गृह व कबायली मामलों के विभाग को अंसारी का पता लगाने के लिए संयुक्त जांच दल बनाने का आदेश दिया। इसके बाद कराक जिले में एफआईआर दर्ज हुई और निहाल के बारे में पता चल सका। हालांकि अब भी उसके भविष्य के बारे में स्थिति साफ नहीं है।