पाकिस्तान में पहली बार किसी हिंदू महिला ने जज बनकर इतिहास रचा
पाकिस्तान में पहली बार किसी हिंदू महिला ने जज बनकर इतिहास रच दिया है। सुमन कुमारी को कम्बर-शाहदकोट के दीवानी न्यायालय में न्यायधीश नियुक्त किया गया है। पाकिस्तान में सिर्फ दो फीसदी आबादी हिंदुओं की है और इस्लाम के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।
- सुमन कुमारी ने पाकिस्तान की पहली हिंदू महिला जज बनकर इतिहास रचा
- हैदराबाद से एलएलबी और जुल्फिकार अली भुट्टो संस्थान से सुमन ने LLM किया है
- पाक के पहले हिंदू न्यायधीश जस्टिस राणा भगवानदास कार्यकारी चीफ जस्टिस भी रहे
- कम्बर-शाहदकोट निवासी सुमन को अपने शहर में भी बतौर जज पहली नियुक्ति मिली
इस्लामाबाद : सुमन कुमारी पाकिस्तान में दीवानी न्यायाधीश नियुक्त होने वाली पहली हिंदू महिला बन गई हैं। मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है। कम्बर-शाहदकोट निवासी सुमन अपने पैतृक जिले में ही न्यायाधीश के तौर पर सेवाएं देंगी। डॉन समाचार पत्र के मुताबिक उन्होंने हैदराबाद से एलएलबी और कराची की सैयद जुल्फिकार अली भुट्टो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान से कानून में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। सुमन के पिता पवन कुमार बोदान के मुताबिक सुमन कम्बर-शाहददकोट जिले के गरीबों को मुफ्त कानून सहायता मुहैया कराना चाहती हैं।
उन्होंने कहा, ‘सुमन ने एक चुनौतीपूर्ण पेशा चुना है, लेकिन मुझे विश्वास है कि वह कड़ी मेहनत और ईमानदारी से ऊंचा मुकाम हासिल करेंगी।’ सुमन के पिता नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और उनका बड़ा भाई सॉफ्टवेयर इंजिनियर है। उनकी बहन चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। सुमन गायक लता मंगेशकर और आतिफ असलम की प्रशंसक हैं। पाकिस्तान में किसी हिंदू व्यक्ति को न्यायाधीश नियुक्त किये जाने का यह पहला मामला नहीं है। पहले हिंदू न्यायाधीश जस्टिस राणा भगवानदास थे जो 2005 से 2007 के बीच संक्षिप्त अवधि के लिये कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। पाकिस्तान की कुल आबादी में दो प्रतिशत हिंदू हैं और इस्लाम के बाद देश में हिंदू धर्म दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।