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पाकिस्तान में भी प्रदूषण की वजह से मर रहे हैं लोग

प्रदूषण की वजह से आज दुनियाभर के कई देशों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। दिल्ली तो पहले से ही इस परेशानी से जूझ रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान भी इस समस्या से उतना ही परेशान है, जितना भारत। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पाकिस्तान में 3 नवंबर से 31 दिसंबर तक का समय ‘स्मॉग सीजन’ घोषित किया जा चुका है।

पाकिस्तान में भी प्रदूषण की वजह से मर रहे हैं लोग

प्रदूषण और खतरनाक धुंओं ने पाकिस्तान के लाहौर और पंजाब के लोगों की नाक में दम कर रखा है। इससे निपटने के लिए सरकार ने यहां की ईंट भट्ठियों को दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है।

पाकिस्तान सरकार की मानें तो वहां प्रदूषित हवा फैलने की सबसे बड़ी वजह भारत के पंजाब में पराली जलाया जाना है। अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हर साल पराली जलाई जाने की वजह से हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है।

वायु प्रदूषण से हर साल 4 मिलियन से ज्यादा लोगों की होती है मौत 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण की वजह से दुनियाभर में हर साल 4 मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। यही रिपोर्ट बताती है कि साल 2015 में खतरनाक और जहरीली हवा के कारण 60 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी लोगों की मौत हुई थी। प्रदूषण की वजह से मरने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं।

चार चीजें हवा को प्रदूषित करने के लिए जिम्मेदार 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पर्यावरण मामलों के सलाहकार मलिन अमीन असलम का कहना है कि पाकिस्तान में हवा को प्रदूषित करने के लिए चार चीजें जिम्मेदार हैं। इनमें ईंट भट्ठी से निकलने वाला धुंआ, फैक्ट्रियों से निकलने वाला खतरनाक धुंआ, गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ और भारत में जलाई जाने वाली पराली शामिल है।

लाहौर हाई कोर्ट ने बनाया था स्मॉग कमीशन

ईंट भट्ठियों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंओं से निपटने के लिए लाहौर हाई कोर्ट ने साल 2017 में स्मॉग कमीशन बनाया था। इस कमीशन ने तीन महीनों के लिए ईंट भट्ठियों को बंद करने का फैसला किया और भट्ठी मालिकों और उसमें काम करने वाले कर्मचारियों को वर्कशॉप के लिए नेपाल भेजा गया। वहां उन्हें समझाया गया कि भट्ठियों का धुंआ कितना खतरनाक और जहरीला होता है।

पाकिस्तान में ये वर्कशॉप काफी हद तक फायदेमंद भी साबित हुआ। अब वहां ईंट भट्ठियों को आधुनिक तकनीक से बनाने की कोशिश चल रही है, ताकि वातावरण में धुंआ कम से कम फैले। साथ ही वहां एयर मॉनिटरिंग स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं, ताकि हवा में प्रदूषण के स्तर को परखा जा सके।

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