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पाक पर मोदी का बड़ा हमला,

modi-17-10-2016-1476667274_storyimageप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिक्स और बिम्सटेक सम्मेलन में बिना नाम लिए पाक पर करारा प्रहार किया। पीएम ने कहा कि भारत का पड़ोसी आतंकवाद की जन्मभूमि है। दुनिया में आतंक के जितने भी मॉड्यूल हैं, उनका कहीं न कहीं इस देश के साथ संबंध जरूर है।

भेदभावपूर्ण रवैया छोड़ें: पीएम ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति के तहत ब्रिक्स के राष्ट्र अध्यक्षों से आह्वान किया कि आतंकवाद पर भेदभावपूर्ण रवैया छोड़ एक आवाज में इसके खिलाफ बोलें। मोदी ने कहा कि आतंकी संगठनों को वित्त पोषण, हथियारों की आपूर्ति, प्रशिक्षण और राजनीतिक सहयोग पर वैश्विक अंकुश लगाए जाने की जरूरत है।

उनके लिए आतंक जायज: मोदी ने कहा कि भारत का पड़ोसी देश ऐसी सोच को पाल-पोस रहा है जो सरेआम कहती है कि राजनीतिक फायदों के लिए आतंकवाद जायज है। पीएम ने कहा कि जिस दुनिया में आज हम रहते हैं, वहां अगर अपने नागरिकों के जीवन को सुरक्षित करना है तो आतंक और इसके समर्थकों को दंडित करना होगा।

सीसीआईटी पर जोर
मोदी ने ब्रिक्स देशों से यह भी कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र के कंप्रिहेंसिव कनवेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिज्म (सीसीआईटी) के जल्द अनुमोदन के लिए काम करें ताकि आतंकवाद का मुकाबला किया जा सके।

कई देश साथ आए
संदेश पहुंचाया: भारत ने ब्रिक्स देशों के सदस्य रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील को पाक के खिलाफ अपने समर्थन में खड़ा किया। इन देशों को बताया कि भारत सीमा पार से लगातार आतंकवाद का सामना कर रहा है।

दुनिया को खतरा: भारत यह संदेश देने में भी कामयाब रहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया की समस्या है। दूसरे देशों में हो रहे आतंकी हमलों के तार भी पाकिस्तान से कहीं न कहीं जुड़े हैं।

चीन नहीं माना
भरोसा नहीं दिया: ब्रिक्स के अन्य देशों की तरह चीन ने आतंकवाद पर भारत का साथ नहीं दिया। सम्मेलन के दौरान चीन की ओर से जारी बयान में कहीं भी आतंकवाद से निपटने का जिक्र नहीं किया गया।

पुराना रुख: चीन के रुख से यह भी स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की भारत की मांग फिलहाल पूरी नहीं हो पाएगी।

 
 
 

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