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पाक में अन्य पंथ के लोगों को काफिर बुलाने पर लगेगा प्रतिबंध

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दस्तक टाइम्स/एजेंसी

इस्लामाबाद। देश में बढ़ी जातीय हिंसा को नियंत्रित करने के लक्ष्य से पाकिस्तान ने कहा कि वह अन्य पंथों के मुसलमानों को काफिर कहने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहा है।
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में देश के शीर्ष नागरिक-सैन्य नेतत्व ने भी देश भर में जातीय हिंसा को वित्तीय मदद देने वालों के खिलाफ कार्रवाई को मंजूरी दी है। इस हिंसा ने अतीत में कई लोगों की जान ली है। बैठक से निकटता से जुड़े सूत्रों ने बताया कि तकफिर या अन्य पंथ के मुसलमानों को काफिर कहने पर प्रतिबंध लगाने वाले नए कानून पर बैठक में चर्चा हुई। इस बैठक का आयोजन देश से चरमपंथ और उग्रवाद को मिटाने के लिहाज से इस वर्ष अपनायी गयी 20 सूत्री आतंकवाद-विरोधी रणनीति नेशनल एक्शन प्लान की प्रगति की समीक्षा के लिए बुलायी गयी थी। बैठक में सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ, संघ के मंत्रियों , प्रांतीय प्रतिनिधियों और अन्य सैन्य तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।
गहमंत्री निसार अली खान ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, एक-दूसरे को काफिर बुलाने या मारने के लिए उत्तरदायी बताने को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, हम पंथीय भेदभाव से जुड़े लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। हम किसी को भी दूसरे को काफिर कहने या काफिर घोषित करने नहीं देंगे। बहुत ही सामान्य बात है और एक पंथ के मुसलमान दूसरे पंथ को मानने वाले मुसलमानों को काफिर कहते हैं। विशेष तौर पर लश्कर-ए-क्षांगवी जैसे कटटरपंथी सुन्नी समूह शिया मुसलमानों के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं।

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