पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम यचुरी के अनुसार नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में उसकी जनविरोधी नीतियों में हस्तक्षेप करने के लिए पार्टी को संगठनात्मक स्तर पर मजबूत बनाना जरूरी है और जनआंदोलनों को भी बढ़ाना आवश्यक है।
पार्टी के अन्य नेता मो. सलीम का कहना है कि सम्मेलन मे हम सभी रणनीतियों को तय करने के साथ साथ पिछले एक दशक में हमने जो कदम उठाए है उसकी भी समीक्षा करेंगे ताकि यह पता चल सके कि हमारी शक्ति कमजोर क्यों हुई है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम यचुरी को नया महासचिव बनाए जाने की चर्चा है लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता सलीम का कहना है कि करात की जगह एक नए महासचवि का चयन होगा लेकिन यचुरी को बनाया जायेगा या नहीं यह अभी तय नहीं हुआ है।
यह फैसला पार्टी की नई केन्द्रीय समिति तय करेगी कि अगला महासचिव कौन होगा। यचुरी का यह भी कहना है कि उनकी पार्टी भूमि अधिग्रहण जैसे जन मुद्दों पर कांग्रेस के साथ मिलकर मोदी के खिलाफ लड़ेगी लेकिन यूपीए सरकार के शासन काल में नई आर्थिक नीतियों को देखते हुए कांग्रेस के साथ वह मोर्चा या गठबंधन नहीं करेगी।