पार्टी से बाहर रहकर भी पॉलिटिक्स में बहुत पावरफुल रहीं प्रियंका
प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी में महासचिव बनाया गया है और लोकसभा चुनाव 2019 के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. इसी के साथ प्रियंका ने सक्रिय और औपचारिक तौर से राजनीति में एंट्री कर ली है. लेकिन 47 साल की प्रियंका काफी लंबे वक्त से बिना औपचारिक तौर से पार्टी ज्वाइन किए ही पॉलिटिक्स में काफी पावरफुल थीं.
प्रियंका गांधी बिना कोई पद लिए पर्दे के पीछे कांग्रेस के लिए काम करती रही हैं. वह चुनाव के दौरान कांग्रेस की जीत के लिए भी अहम रोल अदा करती और महत्वपूर्ण रणनीतियां बनाती थीं.
साल 2018 में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रियंका गांधी को ‘गेम चेंजर’ करार दिया था. उन्होंने कहा था कि 2019 के चुनाव में प्रियंका एक बड़ा रोल निभाएंगी. तब कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार किया था कि प्रियंका पार्टी के भीतर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
प्रियंका गांधी के बारे में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बार कहा था कि वह खुद अपना काम चुनती हैं और उसे बखूबी निभाती हैं. हालांकि, इससे पहले तक कांग्रेस पार्टी प्रियंका के चुनावी राजनीति में आने से इनकार करती रही है.
सोनिया और राहुल के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और अमेठी में प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार में भी कई बार उतर चुकी है. लोगों पर इसका अच्छा प्रभाव भी पड़ता रहा है. गरीब और महिलाओं के बीच खासकर प्रियंका गांधी जाती हैं और पार्टी पर उनको भरोसा दिलाने का काम करती हैं.
2012 में प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी में विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रचार किया था. कई जानकार कहते रहे हैं कि प्रियंका गांधी के भीतर एक नेचुरल लीडर की खूबियां मौजूद हैं.
प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को हुआ था. उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा से 1997 में शादी की थी. कुछ चुनावी रैलियों में वाड्रा भी प्रियंका के साथ नजर आ चुके हैं. वाड्रा और प्रियंका के दो बच्चे हैं.
आपको बता दें कि चुनाव से ठीक पहले प्रियंका को कांग्रेस पार्टी में महासचिव बनाने को मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है. जनता और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं पर इसका अच्छा असर पड़ सकता है. प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है.