नई दिल्ली : संसद में जीएसटी विधेयक पारित होने के लिए सहमति बनने की उम्मीद शुक्रवार रात जगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से बात की जो विधेयक पर अपनी तीन आपत्तियों को लेकर सरकार की प्रतिक्रिया पर पार्टी के भीतर मंथन करेगा। मोदी की पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस अपनी चिंताओं से जुड़े तीन मुद्दों पर आंतरिक चर्चा पूरी कर ले, उसके बाद सरकार नये सिरे से विपक्षी दल से संपर्क साधेगी।
मोदी ने मनमोहन और सोनिया को आज अपने आवास पर चाय पर बुलाया था जहां संसद के समक्ष लंबित विभिन्न मुद्दों पर वार्ता हुई और खासतौर पर पिछले दो संसद सत्रों से लंबित कई विधेयकों पर चर्चा हुई।
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। पौन घंटे तक चली बैठक के बाद जेटली ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने तीन मुद्दों को लेकर अपना रुख रखा। कांग्रेस की तीन आपत्तियों में संविधान विधेयक में प्रस्तावित 18 प्रतिशत की दर को स्पष्ट करने की मांग, वस्तुओं की राज्यों के बीच आपूर्ति पर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर पर आपत्ति और पांच साल के लिए राजस्व घाटे के लिए राज्यों को शत प्रतिशत मुआवजे की मांग शामिल हैं।
जेटली ने कहा, ‘इस विधेयक के इतिहास और पृष्ठभूमि तथा इन मुद्दों पर सरकार के जवाब पर उन्हें विस्तार से बताया गया।’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी पार्टी के भीतर विचार-विमर्श करेंगे और पार्टी के भीतर उनके विचार-विमर्श के बाद इस विषय पर सरकार और उनके बीच नये सिरे से बातचीत होगी। हमने उनकी ओर से रखे गये रख पर भी विचार किया है।’ जेटली ने कहा कि नायडू दोनों सदनों में कांग्रेस के नेताओं से संपर्क में रहेंगे और संसद में लंबित विशेष विधेयकों पर चर्चा करेंगे ताकि अगले सप्ताह काम आगे बढ़ सके।
विधेयक राज्यसभा में अटका है जहां भाजपा नीत राजग के पास इसे पारित कराने के लिहाज से पर्याप्त संख्या बल नहीं है।