अद्धयात्म

पीपल के पेड़ के नीचे इस समय नहीं जलाना चाहिए दीपक, वरना हो जायेंगे कंगाल…

आपको बता दे की पीपल विश्व वृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है हिंदु दर्शन में लिखा गया है कि पीपल के पत्ते पत्ते में देवताओं खास कर विष्णु भगवान का वास होता है हिंदू धर्म में पीपल वृक्ष का बहुत महत्व है इसे सभी वृक्ष से शुद्ध और पूजनीय माना गया है हालांकि इसे पूजने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं लोगो को मानना है की शनि की शांति इस पेड़ का पूजन करने से होता है शनिवार के दिन शनिदेव के साथ इसकी भी काफी पूजा की जाती है कहते हैं इससे काम में सफलता मिलती है। आज हम आपको पीपल के बारे में रोचक बात बताने वाले है !

हमारे हिन्दू धर्म में पीपल के वृक्ष को पूजनीय माना जाता है श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:’ यानी मैं वृक्षों में पीपल हूं। पीपल के मूल में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी व अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैं।हमारे हिन्दू धर्म में इसकी पूजा की जाती है इस की पूजा करने से हमारे सभी दुखो का अंत हो जाता है! इस पेड़ की पूजा करके ग्रहों की शांति की जाती है !

आपको बता दे शास्त्रों का मानना है की रविवार को पीपल के पेड़ पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से हम कई परेशानियों में पड़ सकते है और कोई बड़ा नुक्सान भी उठा सकते है साथ ही पैसे से जुडी परेशानियाँ आ सकती है ! इसे देव स्वरूप माना जाता गया है इस लिए पीपल के पेड़ को कभी काटना नहीं चाहिए ऐसा करने से पितरों को कष्ट होता है और जो पेड़ को काटता है उस के साथ बड़ी दुर्घटना हो सकती है ,

यदि कभी घर में कोई शुभ काम होता है तो पीपल की लकड़ी काटने पर दोष नहीं लगता है साथ ही किसी भी तरह की पूजा के लिए पीपल की लकड़ी शुभ होती है!जो लोग बताये गए नितं के अनुसार नहीं चलते है उन्हें बहुत नुक्सान उठाना पड सकता है !

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