पुष्य नक्षत्र में लगाएं लक्ष्मी माता को भोग, फिर देखे कैसे होती है धन की बारिश
पुष्य नक्षत्र अत्यंत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र होता है और इस शुभ नक्षत्र में किया गया हर कार्य बहुत ही पुण्यदायी और कई गुना फलदायी होता है। शास्त्रों के अनुसार बताया गया है की यह नक्षत्र धन तेरस और चैत्र प्रतिप्रदा के समान शुभ माने जाते हैं। दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र पड़ना बहुत ही शुभ होता है इससे बाजारों में खरीदारी अधिक बढ़ जाती है। इसके साथ ही पुष्य नक्षत्र वार के साथ होने से गुरु पुष्य, रवि पुष्य, शनि पुष्य, बुध पुष्य जैसे महायोगों बनाता है। इस बार पुष्य नक्षत्र बुधवार, 31 अक्टूबर के दिन पड़ रहा है। पंडित रमाकांत मिश्रा जी के अनुसार इस दिन शुभ मुहूर्त में किए गए कुछ उपाय बहुत ही कारगार सिद्ध होते हैं। आइए जानते हैं इस दिन किन उपायों को करने से स्थाई लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। पुष्य नक्षत्र 30 अक्टूबर की रात्रि में 3 बजकर 50 मिनट से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर को रात्रि 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र को ब्रह्याजी का श्राप मिला था, इसलिए यह नक्षत्र शादी-विवाह के लिए वर्जित माना गया है। लेकिन पुष्य नक्षत्र वाले दिन घर में नई वस्तुएं लाने के लिए अत्यंत शुभ दिन होगा। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, जेवर, भूमि, भवन, वाहन आदि खरीदने के लिए शुभ योग है।
स्थायी लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए करें ये उपाय
1. घर में स्थायी लक्ष्मी प्राप्त करने के लिए 31 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से पहले महालक्ष्मी मंदिर जाकर देवी को 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें।
2. विद्या बुद्धि की प्राप्ति के लिए पुष्य नक्षत्र के दिन चांदी के पात्र से दूध का सेवन करें। भगवान श्रीगणेश को 1008 दुर्वांकुर अर्पित करने से सुख-सौभाग्य, वैभव और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
3. अष्टलक्ष्मी की प्राप्ति के लिए पुष्य नक्षत्र में दूध और चावल की खीर बनाकर चांदी के पात्र में लक्ष्मी को भोग लगाएं।
4. पुष्य नक्षत्र में श्रीसूक्त के 108 पाठ करने से जीवन के आर्थिक संकटों का नाश होता है और सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है।
5. वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और खुशहाली के लिए पुष्य नक्षत्र में शिव परिवार का विधि-विधान से पूजन करें।