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पूरे चीन में इस वक्‍त जश्‍न का माहौल, लोगों ने ‘ईयर ऑफ द डॉग’ का खुलकर किया स्‍वागत

बीजिंग। पूरे चीन में इस वक्‍त जश्‍न का माहौल है। नए साल का सेलिब्रेशन शुरू हो चुका है। जिधर देखो, उधर माहौल बेहद खुशनुमा है। पूरा आसमान रंग-बिरंगे फेस्टिव फ्लैग से जगमगाता नजर आ रहा है। पारंपरिक ड्रम से ताल से ताल मिलाते हुए लोगों के थिरकते कदमों ने समां को और भी बांध दिया है। आज चीनियों ने एक बार फिर खुलकर नए साल का स्‍वागत किया है।

आपको बता दें कि चीनीवासी पारंपरिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार, नए साल का जश्‍न मना रहे हैं। दुनिया भर में बड़े पैमाने पर इसे सेलिब्रेट किया जाता है। इस बार चीन की संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के लिए 130 देशों के 400 शहरों में यह फेस्टिवल मनाया जा रहा है। हालांकि हर साल इसकी डेट अलग-अलग होती है। 12वें चीनी राशि चक्र के अनुसार, 2018 ‘ईयर ऑफ द डॉग’ है, जिसका चीनीवासियों ने धमाकेदार तरीके से स्‍वागत किया है। दरअसल, चीनी राशि चक्र के अनुसार हर साल एक जानवर से संबंधित होता है। प्रत्येक 12 साल में यह चक्र दोहराया जाता है। 

चूकिं 2018 के अंत में आठ शामिल है, इसलिए यह साल चीनियों के लिए और भी ज्‍यादा लकी है। ऐसा मान्‍यता है। इस दिन लोग रेड जैकेट-जंपर्स पहनते हैं और अपने घरों को सजाने के लिए रेड लैंटर्न-पेपर-कटिंग खरीदते हैं। वहीं परिवार के सभी लोग एकत्रित होते हैं और खाने में खास तौर से रेड स्‍टीम्‍ड बन तैयार किए जाते हैं।

बच्‍चों के लिए भी यह बेहद खास दिन होता है। उन्‍हें रेड एनवेलप में गिफ्ट के तौर पर कैश दिया जाता है, ताकि वो भी खूब एंज्‍वॉय कर सकें। जश्‍न का माहौल 16 दिनों तक जारी रहता है। यह चंद्र नव वर्ष की पूर्व संध्‍या से शुरू होता है और लैंटर्न फेस्टिवल तक जारी रहता है।

हालांकि तैयारियों का सिलसिला पहले से ही शुरू हो जाता है। इस दौरान चीन में सभी सरकारी व निजी दफ्तर और व्यापार बंद रहते हैं। लाखों लोग छुट्टियां मनाने अपने गांव या विदेश घूमने जाते हैं। इस दौरान यात्रा करने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में होने के कारण इसे विश्व का सबसे बड़ा सालाना मानवीय आवागमन कहा जाता है। इस साल हफ्ते भर के भीतर करीब 38 करोड़ घरेलू यात्राएं होने की उम्मीद है।

जश्न के उत्साह को देखते हुए जगह-जगह सजावट की गई है और कुत्ते की छाप वाले फ्लैग लगाए गए हैं। हालांकि इस जश्‍न से वातावरण को कोई नुकसान ना पहुंचे, इसका भी बेहद खास ख्‍याल रखा गया है। यूनिवर्सिटी प्रोफेसर जांग यिवु कहते हैं, ‘बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नया साल अब काफी नियंत्रित तरीके से मनाया जाता है, ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान ना पहुंचे।’ 

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