राष्ट्रीय

पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण

prithvi_2 testingनई दिल्ली: भारत ने आेडिशा के चांदीपुर स्थित एक प्रायोगिक रेंज से, स्वदेश में विकसित और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का आज सफल प्रायोगिक परीक्षण किया। सतह से सतह पर वार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक की है। यह परीक्षण सेना द्वारा किए जा रहे प्रायोगिक परीक्षण का हिस्सा था। मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण सचल प्रक्षेपक की मदद से इन्टीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-3 से सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर किया गया। 350 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली पृथ्वी-2 अपने साथ 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है। इसे संचालक शक्ति देने के लिए इसमें दो तरल प्रणोदन इंजन लगे हैं। एक रक्षा वैज्ञानिक ने कहा, ‘मिसाइल को उत्पादन भंडार से चुना गया था। प्रशिक्षण अयास के तहत प्रक्षेपण की सभी गतिविधियों को विशेष तौर पर गठित एसएफसी ने अंजाम दिया और इनकी निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों द्वारा की जा रही थी।’ रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत के एसएफसी में वर्ष 2003 में शामिल की गई पृथ्वी-2 एेसी पहली मिसाइल है, जिसका विकास डीआरडीआे ने भारत के प्रतिष्ठित आईजीएमडीपी (एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम) के तहत किया है और इस समय यह एक प्रमाणित तकनीक है।

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