देहरादून : प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल की अध्यक्षता में उनके विधानसभा कार्यालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जितने भी पेयजल योजना से सम्बन्धित कार्य होने है उन सभी की सितम्बर माह तक पूरी डीपीआर बना लें ताकि उन पर शीध्रता से कार्य प्रांरभ किया जा सके। उन्होने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि भारत सरकार के स्तर से जो योजनाए स्वीकृत होकर आ जाती है शासन से उन योजनाओं की अग्रिम प्रक्रिया में देरी न की जाय बल्कि शीघ्रता से उनके टैण्डर इत्यादि शुरू कर दिये जाय।
इसके अतिरिक्त पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत कनेक्शन में जहॉ पर उपभोक्ताओं को अभी तक 55 लीटर पेयजल उपलब्ध नही हो पा रहा है वहॉ पर उनसे बिल न लिये जाय। उपभोक्ताओं से बिलिंग केवल उस दशा में लिया जाय जब उनको 55 लीटर या उससे अधिक पेयजल उपलब्ध हो रहा हो। उन्होने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के कुल स्त्रोत, जिन पेयजल स्त्रोतों से पेयजल की सप्लाई हो पा रही है तथा ऐसे जल स्त्रोत जो सूख चुके है उन सभी का विवरण प्रस्तुत करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिये।
मुख्य अभियन्ता (मुख्यालय) उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के पहाड़ी जनपदों में उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा बहुग्रामी की 45 पेयजल योजनाएं हैं, जिनमें से 21 पेयजल योजनाओं में डीपीआर बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि 24 पेयजल योजनाओं की डीपीआर बनाये जाने का कार्य माह सितम्बर, 2021 तक पूर्ण कर लिया जायेगा तथा नवम्बर, 2021 तक इन योजनाओं पर कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल द्वारा निर्देशित किया गया कि प्रत्येक दशा में सितम्बर, 2021 तक अवशेष 24 पेयजल योजनाओं की डीपीआर का कार्य पूर्ण कर लिया जाय। पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि ऐसी योजनायें जिनमें कई ग्राम पंचायतों को पेयजल से लाभान्वित किया जाना है, की डीपीआर बनाये जाने की कार्यवाही शीघ्रतिशीघ्र सम्पन्न कर ली जाय।
सचिव, पेयजल द्वारा अवगत कराया गया कि ऐसी योजनाएं जिनमें डीपीआर बनाने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, उन योजनाओं में डीपीआर बनाये जाने हेतु नियोजन विभाग के अन्तर्गत अनुबन्धित एजेंसियों के माध्यम से डीपीआर बनाने का कार्य माह दिसम्बर, 2021 से पहले पूर्ण कर लिया जाय। इस हेतु होने वाला व्यय जल जीवन मिशन के मद से वहन किया जायेगा। सचिव, पेयजल द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि राज्य में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रतिव्यक्ति 55 लीटर पेयजल प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है जिसे बढ़ाकर 70 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है।
मुख्य महाप्रबन्धक, उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य के समस्त जनपदों में गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु पेयजल लैब क्रियाशील हैं, जबकि राज्य के 95 विकासखण्डों में पेयजल लैब स्थापना का कार्य गतिमान है जिसे माह नवम्बर, 2021 तक पूरा कर लिया जायेगा। पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि ऐसी ग्राम पंचायतें/योजनाएं जिनमें लोगों को बहुत कम पानी मिल रहा है अथवा केवल नल के कनेक्शन दे दिये गये है और जल संस्थान द्वारा पानी के बिल जारी किये जा रहे हैं, को तत्काल बन्द करते हुए जब तक पेयजल की सुचारू व्यवस्था नहीं हो जाती है तब तक जल संस्थान द्वारा किसी प्रकार के बिल जारी न किये जायं तथा जल संस्थान द्वारा जनपद के प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर लैब की स्थापना की जाय जिससे पानी की गुणवत्ता निर्धारित किये जाने एवं लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।