पोर्टेबल कलर एक्सरे मशीन से कोरोना मरीजों की आसानी से हो सकेगी पहचान
मुरादाबाद : कोरोना संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाने जा रही है। कोविड अस्पताल एल टू को पोर्टेबल कलर एक्सरे मशीन उपलब्ध कराई गई है। एक्सरे होते ही कंप्यूटर पर रोगी के सीने या सांस नली में कहां संक्रमण है इसकी जानकारी मिल जाएगी, जिससे चिकित्सक तत्काल इलाज शुरू कर रोगी की जान बचाई जा सकेगी।
प्रदेश के जिन जनपदों में सरकारी मेडिकल कालेज नहीं हैं, उन सभी जिलों में सरकार ने गंभीर कोरोना रोगी के इलाज के लिए वहां के प्राइवेट अस्पताल में व्यवस्था की है, जिस पर सरकार को करोड़ रुपये खर्च करना पड़ता है। कम गम्भीर रोगी का इलाज करने के लिए सभी जिला अस्पताल परिसर को एल टू अस्पताल बनाया जा रहा है, जहां रोगियों के इलाज के लिए वेंटीलेटर, सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम व अन्य जीवन रक्षक उपकरण लगाए जा रहे हैं।
कोरोना संक्रमित रोगियों की मौत का बड़ा कारण सीने या सांस नली में संक्रमण होना माना जा रहा है। इसका समय से पता सीटी स्कैन या कलर एक्सरे द्वारा एक्सरे कराने पर लगता है। एल टू अस्पताल में दोनों की कोई व्यवस्था नही है। मुरादाबाद समेत प्रदेश के कुछ एल टू अस्पताल में साधारण पोर्टेबल एक्सरे मशीन लगाई गई है,जिसमें रोगियों के सीने व सांस नली का एक्सरे लिया जाता है। साधारण एक्सरे होने के कारण कई बार संक्रमण की जानकारी नहीं मिल पाती है।
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