लखनऊ। प्रदेश के कौशाम्बी जनपद का बबुरा गांव राज्य का पहला ई-विलेज गांव बनेगा। इस गांव को ई-विलेज बनाने का सारा काम पूरा कर लिया गया है। गांव की बावत सभी सूचनाओं का डाटा एनआइसी में अपलोड करा दिया गया है। अब ग्रामीणों को गांव में ही आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र समेत सभी प्रपत्र और जानकारियां उपलब्ध होगी। लोगों को प्रमाणपत्रों के लिए तहसील का चक्कर नहीं काटना होगा। जिला सूचना विज्ञान अधिकारी ने लोगों से योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया है। ई-गवर्नेन्स प्लान के तहत ग्रामीणस्तर पर सरकारी सेवाओं को एक ही काउंटर पर उपलब्ध कराने के लिए ई-विलेज योजना प्रदेश के एक चयनित ग्राम में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाना था। इसके लिए कौशाम्बी के मंझनपुर तहसील के बबुरा गांव को चुना गया। अधिकारियों के मुताबिक इस ग्राम पंचायत से जुड़ी सभी सूचनाओं को एनआईसी में अपलोड करा दिया गया है। गांव को जल्द ही ई-विलेज का दर्जा मिल जाएगा। यह योजना पब्लिक हेल्थ सेन्टर, स्कूल, कृषि आदि में भी लागू की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक इसी सप्ताह में प्रदेश के पहले ई विलेज का शुभारंभ किया जायेगा। इसके साथ ही कौशाम्बी प्रदेश में ई-विलेज योजना को चालू करने वाला पहला जिला बन जाएगा। इधर, इस विशेष उपलब्धि के हासिल होने से बबुरा गांव के लोग भी गदगद हैं। प्रधान सुनील मिश्र ने बताया कि गांव के ई-विलेज बनने से यहां के ग्रामीणों को किसी भी तरह की जानकारी अथवा प्रमाणपत्र के लिए भटकना नहीं होगा।