नई दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए राज्यों को बीमा कंपनियों के गठन की अनुमति दी गई। राज्यों द्वारा इस बारे में कई बार आग्रह किया गया है। इसके अलावा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2017 की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पुरानी फसल बीमा योजनाओं, जिन्हें अब पीएमएफबीवाई में मिला दिया गया है, का 2011-16 के दौरान क्रियान्वयन काफी खराब रहा है।
कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया की राज्यों को पीएमएफबीवाई के क्रियान्वयन के लिए खुद की बीमा कंपनियों के गठन की अनुमति दे दी है। इसके लिए उन्हें बोली प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा। अभी सार्वजनिक क्षेत्र की पांच और निजी क्षेत्र की 13 बीमा कंपनियां इस योजना का क्रियान्वयन करने को अधिकृत हैं। पीएमएफबीवाई को अप्रैल, 2016 में शुरू किया गया था। योजना के तहत बुआई से पहले से लेकर फसल कटाई तक का बीमा उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे प्राकृतिक जोखिम जिससे बचा नहीं जा सकता, उनके लिए यह बीमा मिलता है। खरीफ फसल के लिए इस योजना में प्रीमियम की दर दो प्रतिशत है, जबकि रबी फसल के लिए डेढ़ प्रतिशत। बागवानी और वाणिज्यिक फसलों के लिए प्रीमियम की दर पांच प्रतिशत है।
इस योजना का क्रियान्वयन करने वाली सरकारी बीमा कंपनियों में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया (एआईसी), यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (यूआईसीसी), नैशनल इंश्योरेंस कंपनी (एनआईसी), ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी( ओआईसी) तथा न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी (एनआईएसी) शामिल हैं।