नई दिल्ली : सरकार ने टेक्सटाइल आइटम्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 328 टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी दोगुनी करते हुए 20 फीसदी कर दी है। वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने इससे संबंधित नोटिफिकेशन को लोकसभा में पेश किया। नोटिफिकेशन में कहा गया कि ‘कस्टम एक्ट, 1962’ के सेक्शन 159 के अंतर्गत टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स की 328 टैरिफ लाइंस पर कस्टम ड्यूटी के मौजूदा रेट को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाता है। ड्यूटी में यह बढ़ोत्तरी से घरेलू मेन्युफैक्चरर्स को फायदा मिलेगा, क्योंकि इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स फिलहाल सस्ते पड़ते हैं। मेन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में बढ़ोत्तरी से सेक्टर में नई जॉब्स पैदा होंगी, जो लगभग 10.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। सरकार ने बीते महीने जैकेट्स, सूट्स और कालीन सहित 50 से ज्यादा टेक्सटाइल प्रोडक्टस इंपोर्ट ड्यूटी दोगुनी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी थी, इस पहल का उद्देश्य डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना था।
भारत टेक्सटाइल सेक्टर को सीधे तौर पर कोई एक्सपोर्ट इंसेंटिव नहीं देगा, इसलिए डॉमेस्टिक मेन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने के लिए इस सेगमेंट को सपोर्ट दिए जाने की जरूरत है। जून माह में टेक्सटाइल यार्न, फैब्रिक, मेड-अप आर्टिकल्स का इंपोर्ट 8.58 फीसदी बढ़कर 16.86 करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि कॉटन यार्न/फैब्रिक्स/मेड-अप्स, हैंडलूम प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट्स 24 फीसदी बढ़कर 98.62 करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। मैन-मेड यार्न/फैब्रिक्स/मेड-अप्स का एक्सपोर्ट 8.45 फीसदी बढ़कर 40.34 करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।