प्रेमी की बीवी के नाम खत… ‘मैं तुम्हारे पति की गर्लफ्रेंड हूं पर वो धोखेबाज नहीं है’
प्यार अंधा होता है पर हमेशा नहीं, कई बार इंसान प्यार में पड़ने के बावजूद भी अपनी जिम्मेदारियां और परिवार को नहीं छोड़ पाता है. एक महिला ने अपनी कुछ ऐसी ही कहानी ‘द गार्जियन’ से शेयर की है. पढ़िए एक शादीशुदा शख्स की गर्लफ्रेंड का उसकी बीवी के नाम लिखा खत…
मुझे पता है कि तुम्हारा अस्तित्व है, तुम उसका नाम, उसका बच्चा, उसका घर और उसकी सार्वजनिक जिंदगी की साझेदार हो, जबकि मैं केवल कुछ चुराए हुए पल जीती हूं शायद जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है. मैं उसकी सोच, उसके सपने और उसकी भावनाएं साझा करती हूं, वो हर कुछ जो उस शख्स के मन में है लेकिन वो सब कुछ नहीं जो उसकी बाहरी जिंदगी का हिस्सा है.
तुम्हारी शादी को 20 साल से ज्यादा हो चुके हैं जिसमें कई सारे निजी और पारिवारिक मुकाम पार किए गए होंगे, साथ घर चलाना, अपने दिल के सबसे चहेते बच्चे पर प्यार लुटाना और भी बहुत सी चीजें… लेकिन कुछ वजहों से कई सालों पहले ही तुम्हारा उस शख्स के लिए प्यार खत्म हो चुका है.
तुम शायद अपने लिए सोची हुई जिंदगी तो जी रही हो लेकिन क्या वह इस शादी में खुश है जिसमें तुम केवल एक पत्नी की जिम्मेदारियां पूरी करती हों लेकिन उसमें प्यार शामिल नहीं है..
क्या तुम उसे प्यार करती हो? अगर उसे प्यार मिलता तो क्या वह मेरे पास आता, क्या उसे मेरी जरूरत पड़ती? मैं तुम्हें दोष नहीं दे रही हूं लेकिन तुमने शायद उसे प्यार करना छोड़ दिया है. लेकिन तुम केवल दिखाने के लिए एक प्रेमविहीन शादी को क्यों निभा रही हो?
मैंने तुम्हारे पति के साथ अफेयर खत्म कर दिया है क्योंकि मैं अपने ना होने के एहसास से आजिज आ चुकी हूं. वह अपने बच्चे को आहत नहीं करना चाहता था और हम अक्सर इस सवाल का जवाब ढूंढते रहते थे कि बिना ऐसा किए हम साथ कैसे रह सकते हैं.
मुझे यह सोचकर ही दुख होने लगता था कि मैं जिस शख्स को चाहती हूं, उसे अपनी जिंदगी टुकड़ों में जीनी पड़ेगी. मुझे कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था और ना ही उसे. वह किसी भी सूरत में अपने बच्चे को खोने का दुख बर्दाश्त नहीं कर सकता था, उसके लिए हमारे बिछड़ने के दर्द के मुकाबले वह दर्द ज्यादा बड़ा था.
तुम उसे वह प्यार क्यों नहीं देती जिसकी उसे जरूरत है? तुम उसे वह साथ और देखभाल क्यों नहीं दे पा रही हो जो प्यार में मिलता है. समाज में दिखाने के लिए एक सफल शादीशुदा जिंदगी को दिखाने भर की कोशिशों के अलावा..
मैं तुम्हें उसे छोड़ देने के लिए नहीं कह रही हूं, बस ये कहना चाहती हूं कि तुम उसे समझो और प्यार करो और उसे भी खुद को समझने और प्यार करने दो. तुम्हारी शादी बस नाम के लिए ना रह जाए. कतरनों से कब तक कोई खुश रह सकता है?
मुझे कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है क्योंकि मुझे इस कहानी का केवल एक पहलू ही पता है. लेकिन मैं जिस आदमी को जानती हूं, अगर उसे प्यार मिलता तो वह कभी मेरे पास नहीं आता. वह अब भी तुम्हें ही चुनता है क्योंकि वह तुम्हें अपनी जिम्मेदारी समझता है लेकिन उसे प्यार की कमी महसूस होती है.
तुम लोगों की शादी में प्यार कब खत्म हो गया और क्यों? मुझे तुम्हारे पति के बारे में जितना पता है, उसने कभी धोखा नहीं दिया होता. वो उस किस्म का शख्स है ही नहीं. एक शादीशुदा आदमी की गर्लफ्रेंड होने के बावजूद, जिसे वफादारी मांगने का कोई हक नहीं है, फिर भी वह वफादार था और मेरी उम्मीदों से एक कदम आगे जाकर मुझे सुरक्षित महसूस कराता था. तुमने उसकी वफादारी को कैसे जाने दिया?