फर्जी खाते खोल बैंक मैनेजर ने ही उड़ाए 12 करोड़ रुपये, पति-पत्नी की तलाश में CBI
इंदौर: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की खजराना चौराहा शाखा में 11 करोड़ 84 लाख 71 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. यह फर्जीवाड़ा किसी और ने नहीं बल्कि तत्कालीन बैंक मैनेजर ने ही किया है. घोटाले की भनक लगने पर एजीएम मनोज चौधरी ने शिकायत की थी. जिसके बाद सीबीआई ने तत्कालीन मैनेजर स्वीटी सुनेरिया और उसके पति आशीष सलूजा के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीबीआई आरोपितों के चार ठिकानों से फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं. बैंक मैनेजर और उसका पति फरार हैं.
सीबीआई एसपी एमवी श्रुति ने बताया कि घोटाला साल 2018 से 2021 के बीच हुआ है. एजीएम मनोज रामेश्वर चौधरी ने 22 जून बैंक मैनेजर स्वीटी सुनेरिया और आशीष सलूजा खिलाफ घोटाले की शिकायत की थी. एजीएम ने बताया कि स्वीटी ने खाता धाराकों की एफडी ग्यारंटी बतौर जमा कर बैंक की एक अन्य ग्राहक शमीम बानो के नाम से 77 लाख 90 हजार रुपये ऑवरड्राफ्ट (ओडी) लोन स्वीकृत कर लिया.
स्वीटी ने लोन राशि ट्रांसफर करने के लिए शमीम के नाम से एक फर्जी खाता खोला था. लोन की राशि उसमे जमा कर दी. इसके बाद यह राशि पति आशीष और मां मंजूला सुनेरिया के खातों में ट्रांसफर करके निकाले लिए गए. स्वीटी यहीं तक नहीं रुकी, उसे घोटाला करने का यह तरीका आसान लगा. इसी तरह से उसने 18 ग्राहकों के साथ फर्जीवाड़ा किया और फर्जी ओडी खातों के जरिए 11 करोड़ 84 लाख 71 हजार 217 रुपये निकाल लिये.
एसपी ने मामले की जांच सीबीआई इंस्पेक्टर संतोष सिंह को सौंपी दी थी. टीम ने गुरुवार दोपहर महालक्ष्मीनगर, गोयल एन्क्लेव, गोयल विहार और स्नेहलतागंज में आरोपियों के ठिकाने पर छापा मारकर दस्तावेज जब्त किए हैं.
जांच अधिकारी ने बताया कि बैंक के एक ग्राहक सुरेश ने 10 लाख रुपये की एफडी करवाई थी. अवधी पूरी होने पर वह बैंक गए और तो बैंक अफसरों ने बताया कि उक्त एफडी शमीम बनों के ओडी लोन के लिए ग्यारंटी बतौर गिरवी रखी है. सुरेश ने अफसरों को शिकायत की और अंदरूनी जांच शुरू हो गई. कमेटी द्वारा ओडी लोन की जांच करने पर पता चला सुरेश ही अकेले ग्राहक नहीं है बल्कि कईयों की एफडी और जमा रुपयों की ग्यारंटी देकर बगैर औपचारिकता, फर्जी तरिके से ओडी लोन स्वीकृत कर रुपये जारी किए गए हैं. शमीम बानो के फर्जी खाते में जमा होने वाले रुपये घुमा फिराकर आखिर में बैंक अधिकारी स्वीटी,आशीष,मंजूला के खातों मे भेज दिया जाता था.