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फायर ब्रिगेड न पहुंचने से जल गया था पूरा गांव, CM के लिए रातों-रात बन गई सड़क

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- kotla-564d463a75877_exlstसरकारी तंत्र ने जो फुर्ती मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दौरे पर दिखाई, वैसी ही फुर्ती आम जनता के लिए दिखाई होती तो सैंज घाटी का सबसे बड़ा ऐतिहासिक गांव कोटला राख होने से बच जाता। बीते रविवार को सड़क न होने के कारण गांव तक दमकल वाहन नहीं पहुंच पाए थे जिससे 80 घर और पांच मंदिर जलकर राख हो गए। जबकि जिला प्रशासन को गांव में सीएम के दौरे की सूचना मिली तो लोक निर्माण विभाग ने तीन जेसीबी और 50 मजदूर लगाकर रातों-रात सड़क बना दी।

बुधवार को मुख्यमंत्री का काफिला इसी सड़क से कोटला गांव पहुंचा। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के पुनर्वास के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का एलान किया। सीएम ने लोगों से अपील की कि नए घर बनाते वक्त ध्यान दें कि घर जोड़कर न बनाए जाएं। सीवरेज की उचित व्यवस्था करें। घास को घरों से दूर रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर गांव को सड़क से जोड़ा जा रहा है। लोग जमीन दें सरकार सड़क बनाएगी।

बुधवार को सीएम गाड़ी से सीधे कोटला गांव पहुंचे। सवाल यह है कि सीएम के आने की सूचना पर लोक निर्माण विभाग ने वाहन योग्य सड़क बना दी तो पहले क्यों निर्माण नहीं हुआ? अग्निकांड के अगले दिन भी पीड़ित लोग राशन पीठ पर उठाकर गांव ला रहे थे।

लोक निर्माण विभाग के एसडीओ रवि सोनी का कहना है कि सड़क का सर्वे हुआ था, लेकिन लोगों ने जमीन नहीं दी। इसी वजह से सड़क निर्माण नहीं हो पाया। सोनी ने कहा कि अग्निकांड के बाद लोगों के घरों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए अब सड़क बनाई गई है।

 

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