फिर बोर्ड के दायरे में आएंगी 5वीं-8वीं कक्षाएं
साल 2016 में नई शिक्षा नीति तैयार होगी। ऐसे में संभावित है कि साल 2016 में हिमाचल में पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाएं बोर्ड की ओर से ही ली जाएंगी। नई शिक्षा नीति के तहत हिमाचल ने पहली से आठवीं कक्षा तक परीक्षा पैटर्न शुरू करना, प्राथमिक स्कूलों में प्री नर्सरी शुरू करना, अंग्रेजी मीडियम को पहली कक्षा से शुरू करने और माध्यमिक कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा शुरू करने की सिफारिश की गई है।
नई शिक्षा नीति बनाने के लिए सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग से राय ली है। पंचायत, जिला परिषद प्रतिनिधियों के अलावा शिक्षकों, अभिभावकों, विद्यार्थियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों से चर्चा की गई है। इन सभी वर्गों से लिखित राय ली गई है। हिमाचल ने तीस साल बाद बनाई जा रही नई शिक्षा नीति जन सहभागिता से बनाई है।
1986 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपनी शिक्षा नीति के जरिये शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाने की पहल की थी। पहली बार तकनीकी शिक्षा का विकास हुआ और एजूकेशन में निजीकरण को बढ़ावा मिला, लेकिन यहीं से एक बड़ी समस्या भी पैदा हुई।
प्राइवेट स्कूलों और निजी तकनीकी संस्थानों का जाल बढ़ता गया और क्वालिटी एजूकेशन महंगी और सामान्य वर्ग से दूर होती गई। केंद्र सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए नई शिक्षा नीति बनाने का फैसला लिया है। संभावित है कि साल 2016 में नई शिक्षा नीति तैयार होगी।