फीचर्डराष्ट्रीय

फिर रेलवे की लापरवाही, मुसीबत में फंसी 65 सालकी महिला!

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
2015_12image_11_21_158054571train-llनई दिल्ली: रत्नागिरी रेलवे स्टेशन पर हुई एक घटना से एक बार फिर से रेलवे की लापरवाही सामने आई है। ताजा घटना के मुताबिक, 11 घंटे तक एक बुजुर्ग महिला का पैर ट्रेन के टॉयलेट में फंसा रहा, जिसके बाद गैस कटर से टॉयलेट को काटकर महिला को सुरक्षित बचाया गया। जानकारी के मुताबिक, 11 दिसंबर को 10111 डाउन कोंकण कन्या एक्सप्रेस में 65 वर्षीय वयोवृद्ध महिला रूबियाबी शेख अपने पति एक कासम शेख के साथ ट्रेन के एस-10 कोच में मुंबई से करमाली तक के लिए यात्रा कर रही थी। खेड और चिपलूण के बीच इस महिला ने शौचालय से बाहर आते समय जैसे ही दरवाजा खोला वह फिसल गई और उनका पैर भारतीय शैली के कमोड में फंस गया।घाटकोपर में रहने वाली महिला की चीख सुनकर उनका पति जो शौचालय के बाहर ही खड़ा था डर गए और उन्होंने अन्य यात्रियों को इस घटना से अवगत कराया। रूबियाबी शेख दर्द के मारे चीख रही थी और मदद की गुहार लगा रह थी, लेकिन बेबस कासम शेख कुछ नहीं कर पा रहे थे क्योंकि शौचालय का दरवाजा अंदर से बंद था और उसको खोल पाना या तोड़ पाना किसी के बूते का नहीं था।फिर टीसी और दूसरे रेलवे कर्मचारियों की मदद से दरवाजे आवश्यक सहायता के रूप में शौचालय का दरवाजा भी निकाला गया, लेकिन अंदर के हालात और भी दिल दहलाने वाले थे। रूबियाबी शेख का एक पैर रेलवे कमोड के अंदर बुरी तरह से फंसा हुआ था। हालांकि टी.सी., कोच सहायक और अन्य यात्रियों ने भी उन्हें खींचने का प्रयास किया परंतु उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सका।इसलिए इस कोच के यात्रियों को दूसरे कोच में बिठाकर कोच को अलग करने और सावधानी से महिला को बिना चोट पहुंचाते हुए कटर की सहायता से भारतीय शैली के कमोड को काटने का निर्णय लिया गया। इस हादसे में महिला के पैर में सूजन आई हुई थी फिर भी अंत में महिला को सुरक्षित निकाला गया और सिविल अस्पताल, रत्नागिरी ले जाया गया। इस पूरी घटना पर कोंकण रेलवे का कहना है कि उनके अधिकारियों ने पीड़ित महिला की सुरक्षा के लिए कोई भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

Related Articles

Back to top button