गांधीनगर: विजय रूपाणी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मंगलवार को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण की. भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के कई नेताओं ने भाग लिया लेकिन कांग्रेस ने समारोह का बहिष्कार किया. राज्यपाल ओपी कोहली ने 61 वर्षीय रूपाणी को 19 सदस्यीय मंत्रिपरिषद के प्रमुख के रूप में शपथ दिलाई. शुक्रवार को भाजपा विधायक दल के उपनेता चुने गये नितिन पटेल को भी कोहली ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई और वह उप मुख्यमंत्री होंगे.
पिछले कई साल से गुजरात में शासन कर रही भाजपा को एक बार फिर से सत्ता पर काबिज करने के लिए चलाये गये व्यापक प्रचार अभियान की कमान संभालने वाले प्रधानमंत्री मोदी समारोह में छाये रहे और सचिवालय मैदान जाने वाली सड़क पर कतारों में खड़े लोग जोरदार तरीके से उनका अभिवादन कर रहे थे.
रूपानी ने पटेल समेत नौ कैबिनेट मंत्रियों और 10 राज्यमंत्रियों के साथ शपथ ली. नितिन पटेल के साथ अन्य कैबिनेट मंत्रियों में भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा, आर सी फलदू, कौशिक पटेल, सौरभ पटेल, गणपतसिंह वसावा, जयेश रादडिया, दिलीप ठाकोर और ईश्वर परमार हैं. शपथ लेने वाले राज्यमंत्री हैं: प्रदीपसिंह जडेजा, परबत पटेल, जयद्रथ सिंह परमार, रमन पाटकर, पुरूषोत्तम सोलंकी, ईश्वरसिंह पटेल, वासन अहीर, किशोर कानानी, बच्चूभाई खबाड़ और विभावरीबेन दवे.
182 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटें जीतकर अपना प्रदर्शन पिछली बार की तुलना में सुधारने वाली कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि कुछ पार्टी विधायकों को समारोह में आमंत्रित किया गया लेकिन सभी को नहीं. पार्टी ने मनमाने तरीके से निमंत्रण देने का आरोप लगाते हुए विरोध स्वरूप समारोह का बहिष्कार किया. समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा शासित विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह भी समारोह में शरीक हुए. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में दो कार्यक्रम होने की वजह से समारोह में शामिल नहीं हुए लेकिन रूपाणी से उनके आवास पर मिले और लौट गये.
समारोह में भाजपा के दो पूर्व वरिष्ठ नेताओं केशूभाई पटेल और शंकर सिंह वाघेला की मौजूदगी खास रही. पटेल और वाघेला दोनों ही गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और जब मोदी ने उनके साथ हाथ मिलाया तो भीड़ ने जोर जोर से नारे लगाये और तालियां बजाईं. कभी एक दूसरे के धुर विरोधी रहे पटेल और वाघेला समारोह में मंच पर आसपास बैठे थे. वाघेला ने 1990 के दशक में भाजपा के खिलाफ बगावत की आवाज उठाई थी और केशूभाई पटेल सरकार से हट गये थे.
समारोह के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘आज गुजरात में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर 2001, 2002, 2007 और 2012 में हुए समारोहों की यादें ताजा हो गयीं जब मुझे मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की सेवा करने का मौका मिला था.’’ उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, ‘‘मैं भाजपा को राज्य की सेवा का अवसर देने के लिए गुजरात की जनता का एक बार फिर शुक्रिया अदा करना चाहूंगा.
गुजरात और भाजपा के बीच अत्यंत खास रिश्ता है. मैं अपने गुजराती भाइयों बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि गुजरात के आगे और विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगा.’’ भाजपा ने नये मंत्रिपरिषद के गठन में अनेक जातीय और क्षेत्रीय आकांक्षाओं के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है. नयी सरकार में भावनगर पूर्व की विधायक विभावरीबेन दवे एकमात्र महिला मंत्री हैं. शपथ ग्रहण से पहले रूपाणी और उनकी पत्नी ने पंचदेव महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की.