राज्य

फिर से हसीन होंगी मुम्बई की रातें

पाबन्दी के 10 वर्ष बाद सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से मुम्बई में फिर से डांस बार के खुलने का रास्ता साफ

कप्तान माली, मुम्बई
रीब 10 साल की पाबंदी के बाद महाराष्ट्र में फिर से रातें हसीन होने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुम्बई में महाराष्ट्र सरकार द्वारा डांस बार पर प्रतिबन्ध को अनुचित करार दिया गया है। जिसके चलते अब मुम्बई में फिर से डांस बार खोले जाने का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इन डांस बार में महिलाओं का सम्मान और शालीनता बनाए रखने का भी आदेश दिया है। अगस्त 2005 में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे पोलिस एक्ट में बदलाव करके डांस बार पर पाबन्दी लगा दी थी। तत्कालीन गृहमंत्री आरआर पाटिल ने कहा था कि डांस बार के कारण कई घर बर्बाद हो रहे हैं और अश्लीलता को बढ़ावा मिल रहा है, यह हवाला देकर डांस बार पर प्रतिबन्ध लगाया था। इस फैसले के खिलाफ डांस बार एसोसिएशन पहले बॉम्बे हाईकोर्ट गया। जहां उसके पक्ष में फैसला आया पर राज्य सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई और आखिरकार वहां भी डांस बार के पक्ष में ही फैसला आया।

Captureअब जब राज्य भर में डांस बार के फिर से खुलने का रास्ता साफ हो गया है तो सभी हलकों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि इन दस वर्षों में इस व्यवसाय से जुड़े उन लाखों लोगों के बेरोजगार होने के बाद उनके साथ जो बीती उसका जिम्मेदार कौन है? इन दस वर्षों में इन लोगों ने जो विभीषिका झेली उसकी भरपाई कौन करेगा? कई बार बालाओं को खुदकुशी और कइयों को सेक्स वर्कर की जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ा, उसका मुआवजा कौन देगा? जिन कारणों से बार बंद किये गए थे, क्या वे सच में रुक गए थे या अब इनके खुलने के बाद फिर शुरू हो जायेंगे?
आखिर क्यों बंद हुए थे डांस बार
वर्ष 2005 में एनसीपी कांग्रेस की सरकार में महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दिवंगत आरआर पाटिल थे, जिनकी पृष्ठभूमि गांव की थी। उनके पास उनके गांव की कुछ महिलाएं यह शिकायत लेकर आईं कि उनके पति और पुरुष रिश्तेदार जो मुंबई में कमाते हैं, वे अपना सारा पैसा यहां की सुन्दर बार बालाओं पर खर्च कर देते हैं और उन्हें घर चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है। इस कहानी के अलावा तत्कालीन विधायक विवेकानंद पाटिल ने विधानसभा में डांस बार में बढ़ रहे अपराधों की वजह से इन पर प्रतिबन्ध की मांग की जिस पर अन्य दलों के नेताओं ने भी चिंता जाहिर की। पाटिल ने कुछ दिन बाद ही डांस बार पर पाबन्दी लगा दी, जिसका विरोध राजनीतिक गलियारे में दबी जुबान में हुआ पर पाटिल की साफ छवि के आगे किसी की नहीं एक न चली।
इन डांस बार से जुड़े संस्थाओं ने सरकार के इस आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया और बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार के इस आदेश को असंवैधानिक करार देकर डांस बार को पुन: शुरू करने का आदेश दिया पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देकर इस पर स्टे ले लिया। इस पाबन्दी के पीछे पाटिल ने यह सफाई दी की इन बार बालाओं के चक्कर में पड़कर लोग अपनी मेहनत की कमाई बर्बाद कर रहे हैं और जिसके चलते परिवार भी बिखर रहे हैं। पाटिल के मुताबिक इन डांस बार के चलते राज्य में सेक्स रैकेट भी बढ़ रहे थे। पाटिल ने यहां तक भी तर्क दिया था कि इन बार के चलते राज्य में क्राइम का ग्राफ भी बढ़ रहा है। वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इस रोक को हटाने के पक्ष में आदेश दिया पर राज्य सरकार ने 2014 में राज्य पुलिस कानून संशोधन 2014 के अंतर्गत एक नया कानून बनाकर इसे बरकरार रखा। हालांकि हालिया 15 अक्टूबर का सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश फिर से मुंबई में डांस बार को शुरू रखने का रास्ता साफ कर दिया और अब फिर से शहर की रातें जवान हो जाएंगी।
डांस बार-पुलिस-अपराधी-अंडरवल्र्ड- खबरी का रिश्ता
डांस बार को लेकर हमेशा से ही एक दुविधा की स्थिति लोगों के मन में थी। जहां समाज का एक वर्ग इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ मानता था तो वहीं दूसरी ओर डांस बार पुलिस महकमे के दिग्गज अफसरों के लिए गुनाह और गुनाहगारों तक पहुंचने का एक जरिया हुआ करते थे। कई पुलिस वाले और पुलिस के खबरी इसी जगह पर जुर्म की काली दुनिया के कई परत जाम से जाम छलकाकर उतारा करते थे। वहीं शहर में अगले दिन या भविष्य में होने वाले छोटे से बड़े अपराध की प्लानिंग भी इन्ही जगहों पर होती थी। जिसकी खबर पुलिस वाले यहां पर बिठाये गए अपने खबरियों द्वारा हासिल किया करते थे और अपराध पर लगाम भी लगा पाते थे। हालांकि डांस बार पर प्रतिबन्ध लगने के बाद पुलिस को इन खबरियों से और अपराध की पूर्व सूचना से भी महरूम होना पड़ा जिसके चलते शहर में अपराध का ग्राफ भी बढ़ गया।

डांस बार और अर्थशास्त्र
वर्ष 2005 में करीब 700 से ज्यादा डान्स बार थे जिनमें करीब 70 हजार बार बालाओं और करीब इतने ही इन बार से जुड़े लोगों को रोजगार मिलता था। बार में डांस बार पर प्रतिबन्ध लगने के बाद उसके खिलाफ आंदोलन और आवाज मुखर होने के पीछे एक बड़ा कारण डांस बार का अर्थशास्त्र था जिससे न केवल इन बार में नाचने वाली बार बालाओं की रोजी-रोटी छिनी बल्कि इस व्यवसाय से जुड़े होटल मालिक, शराब की बिक्री, बार बालाओं के चमक-धमक वाले कपडे़ सिलने वाले हजारों टेलर, रात में इन बार बालाओं को सुरक्षित उनके घर से लाने और पहुंचाने वाले ऑटो और टैक्सी चालक, बार बालाओं द्वारा पॉश इलाकों में घरों की खरीद या किराये, पुलिस महकमे को मिलने वाली काली कमाई तक बंद हो गयी। एक तरह से मानें तो इस बार बंदी की वजह से मुम्बई और उसके आस-पास के इलाकों में चल रही एक समान्तर अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई, जिसमें इससे जुड़े सभी आर्थिक रूप से जुड़े अंग भी विकलांग हो गए।

डांस बार और देह व्यापार
डांस बार पर प्रतिबन्ध लगाये जाने के पीछे राज्य सरकार द्वारा इनके द्वारा होने वाले कथित देह व्यापार को भी एक वजह मानी गयी। डांस बार के बंद होने की वजह से हुआ इसका उलटा। डांस बार के बंद होने के बाद उनमें नाचने वाली बार बालाएं जो एक रात में अपनी कला से हजारों कमा लेती थीं, मजबूरी में अपना और परिवार का पेट पालने के लिए देह व्यापार के दलदल में फंस गयी जहां उनका दैहिक शोषण के साथ-साथ आर्थिक शोषण भी होने लगा। कहां ये हजारों लाखों में खेलने वाली बार बालाएं सेक्स वर्कर बनने के बाद दो वक्त की रोटी तक नहीं जुटा पा रही थी। कुछ ने तो अपने इस बदहाली और शोषण की वजह से आत्महत्या तक कर ली।
डांस बार बंद होने के बाद की जिंदगी
राज्य सरकार ने डान्स बार बंद होने के बाद इससे जुड़े सभी बार बालाओं के पुनर्वासन का वादा किया था, पर वह वादा धरा का धरा रह गया, जिसकी कीमत इन बार बालाओं को ही चुकानी पड़ी। कुछ को सस्ते देह व्यापार में जाना पड़ा तो कुछ विदेशों में खासकर अरब देशों में देह व्यापार में शामिल हो गयी तो कुछ ने मौत को ही गले लगा लिया। डांस बार के बंद होने की वजह से मुम्बई और देश के अन्य शहरों में एस्कॉर्ट सर्विस जैसे हाई प्रोफाइल फाइव स्टार सेक्स व्यापार को भी खूब बढ़ावा मिला, जिसका खुलकर फायदा कुछ ज्यादा पढ़ी लिखी और खूबसूरत बार बालाओं ने बखूबी उठाया।

स्टैम्प घोटाले का आरोपी अब्दुल करीम तेलगी भी था बार बालाओं का दीवाना….
मुम्बई की सबसे मशहूर बार बालाओं में तरन्नुम का नाम सबसे शीर्ष पर था जो करोड़पति बार बाला के नाम से भी प्रसिद्ध थी। इसका दीवाना स्टैम्प घोटाले से जुड़ा अब्दुल करीम तेलगी भी था। कुछ खबरों के अनुसार वह एक रात में दीपा बार में तरन्नुम पर इस कदर फिदा हुआ कि उसने 90 लाख रुपये तक लुटा दिए।
तरन्नुम बाद में करोड़पति बार बाला के रूप से भी मशहूर हुई। तरन्नुम वही बार बाला है जिसका सम्बंध एक श्रीलंकाई क्रिकेटर और बॉलीवुड के नायक के साथ भी पाया गया था। तरन्नुम को बाद में जुए के अपराध में गिरफ्तार भी किया गया।=

वर्ष 2005 में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री स्वर्गीय आरआर पाटिल के गांव की कुछ महिलाएं यह शिकायत लेकर आईं कि उनके पति और पुरुष रिश्तेदार जो मुंबई में कमाते हैं, वे अपना सारा पैसा डांस बार में खर्च कर देते हैं। इसके अलावा विधानसभा में भी डांस बार में बढ़ रहे अपराधों की वजह से इन पर प्रतिबन्ध की मांग उठी।

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