अन्तर्राष्ट्रीय

फ्रांस की जासूसी संस्था ने स्कूलों में करवाई कोड ब्रेकिंग प्रतियोगिता

francespy_21_05_2016एजेंसी/ पेरिस। खुफिया एजेंसियां कूट भाषा में भेजे गए संदेशों को पकड़ने के लिए काफी मेहनत करती हैं। इन्‍हीं के जरिये वे किसी आतंकी हमले की कोशिश को नाकाम करने में सफल होती है। कई बार देश के अंदर अस्थिरता फैलाने के लिए शत्रु देश द्वारा भेजे गए कूट संदेशों को भी पकड़ा जाता है।

कूट भाषा में भेजे गए आतंकी संदेशों के पकड़ने वाले कुशल लोगों की तलाश के लिए फ्रांस की खुफिया एजेंसी डीजीएसई ने इसका अनूठा तोड़ निकाला है। उसने पहली बार देश के सभी स्कूलों में एक प्रतियोगिता कराई।

इसमें कोड तोड़ने वाले सबसे मेधावी छात्रों को पुरस्कार दिया गया। इस प्रतियोगिता के पहले चरण में करीब 17,000 छात्र शामिल हुए। बुधवार को हुए फाइनल में 38 छात्र सफल रहे। इसमें पेरिस के छात्रों की टीम जीत गई।

डीजीएसई प्रवक्ता ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्देश्य खुफिया काम के बारे में युवाओं को जागरुक करना था। पिछले साल पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद से सुरक्षा की चिंता को लेकर खुफिया एजेंसियां काफी सक्रिय हैं। फ्रांस की खुफिया एजेंसी डीजीएसई का पूरा नाम डायरेक्‍टोरेट-जनरल फॉर एक्‍सटर्नल सिक्‍योरिटी है।

इस एजेंसी में छह हजार 200 लोगों का स्‍टाफ काम करता है, जिसका वार्षिक बजट करीब 5750 करोड़ पाउंड वार्षिक है। खुफिया एजेंसियों के काम का एक हिस्‍सा इस्‍लामिक ग्रुप्‍स की जासूसी करना है।

नवंबर में पेर‍िस में जिहादियों के बम हमले और गोलीबारी में 130 लोगों की मौत हो गई थी। जनवरी 2015 में पेरिस में शार्ली अब्‍दो पत्रिका पर हुए हमले में 17 लोगों की मौत हुई थी।

 
 

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