एजेन्सी/ इलाहाबाद: ‘फ्रीडम 251’ स्मार्ट फोन बनाने वाली कंपनी रिंगिंग बेल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने शुक्रवार को कहा कि नोएडा स्थित कंपनी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी अपरिपक्व प्रतीत होती है। गत फरवरी महीने में विवादास्पद स्मार्टफोन लॉन्च करने की घोषणा कर कंपनी दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई थी।
न्यायमूर्ति बीके नारायण और आरएन मिश्रा की खंडपीठ ने आदेश दिया कि 18 मई को मामले की अगली सुनवाई तक कंपनी के अधिकारियों और उसके व्यापार के खिलाफ कोई पीड़ा पहुंचाने वाला कदम नहीं उठाए जाएंगे। सुनवाई के दौरान पीठ ने अभियोजन पक्ष के वकील से पूछा कि कंपनी के खिलाफ कैसे भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया। वकील के ठोस उत्तर नहीं देने पर अदालत ने इस आशय का आदेश दिया।
उल्लेखनीय है भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने रिंगिंग बेल्स के निदेशक मोहित गोयल और अध्यक्ष अशोक चड्ढ़ा के खिलाफ गत मार्च में आईपीसी की धारा 420 और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया था। अदालत ने याचिकाकर्ता को अपने पासपोर्ट वापस लेने के लिए आवेदन देने की भी स्वीकृति दी।
रिंगिंग बेल्स के वकील अभिषेक विक्रम ने कहा, अदालत के शुक्रवार के आदेश से हम लोग खुश हैं। अब हम लोग प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दबाव बनाएंगे, क्योंकि इसमें कोई दम नहीं है। कंपनी के उत्पाद को समय पर लॉन्च होने से रोकने की रणनीति के तहत बाहरी ताकतों ने मामला दर्ज कराया था। वकील ने कहा, 251 रुपये में स्मार्टफोन बेचने के पीछे शहरी और ग्रामीण भारत के बीच डिजिटल खाई को कम करना है।
कंपनी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की उपस्थिति में फरवरी माह में ‘फ्रीडम 251’ स्मार्टफोन लांच किया था। हालांकि उस समय कंपनी ने अपने उत्पाद के नमूने मीडिया में भी बांटे थे जो बाद में एडकाम के हैंडसेट निकले, लेकिन कंपनी इस बात पर कायम है कि सरकार के समर्थन से उपकरण विकसित किए गए हैं।
हैंडसेट के मूल्यांकन के बाद संदेह पैदा हुआ, क्योंकि यह माना गया कि इस तरह के उपकरण 2,300 से 2,400 से कम में नहीं बेचे जा सकते हैं। कंपनी ने प्रथम चरण में 25 लाख हैंडसेट बेचने की योजना बनाई थी। पहले दिन ही 30 हजार आर्डर कंपनी को मिले थे। 25 लाख में शेष बचे उपभोक्ताओं का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाता।
इस स्मार्टफोन के लिए भुगतान वेबसाइट ठप पड़ने से पहले सात करोड़ उपभोक्ताओं ने अपना पंजीयन करा लिया था। बाद में कंपनी ने पहले दिन बुकिंग कराने वाले उपभोक्ताओं को पैसा वापस करने का फैसला किया था।