बच्चों की तुलना में जानवरों पर अधिक खर्च कर रही महाराष्ट्र सरकार : बीजेपी MLA अनिल बोंडे
एजेन्सी/ मुंबई: भाजपा के एक विधायक ने महाराष्ट्र सरकार पर अनाथालय और राज्य संचालित बाल गृहों में रहने वाले बच्चों की तुलना में पशुशालाओं में रहने वाले जानवरों के रखरखाब के लिए अधिक भुगतान करने का आरोप लगाया है।
अमरावती जिले के मोरशी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले अनिल बोंडे ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पशुशाला के एक जानवर के लिए 70 रुपये का भुगतान करती है जबकि अनाथ और राज्य संचालित बाल गृहों को एक दिन में प्रति बच्चा केवल 30 रुपये का भुगतान किया जाता है।
सोमवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत में बोंडे ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा एक जानवर को 70 रुपया देना जबकि एक बच्चा को खाने के लिए 30 रुपया देना अनुचित है। सरकार को बाल गृहों के लिए अनुदान बढ़ाना चाहिए और वर्तमान के 900 रुपया प्रतिमाह के बदले 1,500 रुपया प्रतिमाह का भुगतान करना चाहिए।’’ उन्होंने समय पर अनुदान मुहैया कराने का भी अनुरोध किया।
पिछले साल अगस्त से सूखा प्रभावित लातुर, उस्मानाबाद और बीड जिलों में करीब 255 पशुशाला चलायी जा रही हैं। इनके रखरखाब पर राज्य के कोष पर करीब 60 करोड़ रुपये का लागत आता है।
राज्य में कुल 1,105 बालगृह हैं जिनमें से 1,062 का संचालन विभिन्न पंजीकृत एनजीओ द्वारा किया जाता है।
सरकार एक सामान्य बच्चे के भोजन के लिए 900 रुपया मासिक (करीब 30 रुपया प्रतिदिन) जबकि विशेष बच्चों के लिए प्रतिमाह 990 रुपया (33 रुपया प्रतिदिन) के हिसाब से भुगतान करती है।