बच्चों के अस्पताल में लगी भीषण आग, मच गई भगदड़
कमरे के रोशनदान से अचानक धुआं निकलते देखकर नियोनेटल यूनिट में भगदड़ मच गई। वहां मौजूद महिलाएं अपने-अपने शिशुओं को लेकर भागने लगीं। सिस्टर सिंधु मिश्रा ने अस्पताल के सीएमएस डॉ. आनंद प्रकाश और यूनिट के इंचार्ज डॉ. नीलांबर श्रीवास्तव को आग लगने की सूचना दी।
इसी बीच शाकिर नाम के एक युवक ने 100 नंबर पर आग लगने की सूचना दी। 15 मिनट के अंदर ही वहां फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां पहुंच गईं और आग बुझाने की कार्रवाई शुरू कर दी।
एनआईसीयू, वार्ड नंबर दो, थर्ड फ्लोर के सभी बच्चों को नीचे के वार्डों में शिफ्ट किया जा चुका था। इसी बीच डीएम राजशेखर व सीएमओ डॉ.एसएनएस यादव भी झलकारीबाई अस्पताल पहुंच गए।
चारों तरफ भर गया काला धुआं
स्टोर के अंदर लगी आग के कारण निकले धुएं से पूरे फ्लोर पर काला धुआं भरा हुआ था। इसके चलते वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। फायर ब्रिगेड के सिपाहियों को स्टोर तक पहुंचने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
किसी तरह पूरी तरह से एयर कंडीशंड होने के धुआं निकलने में भी दिक्कत आ रही थी। किसी तरह डेढ़ घंटे तक चली मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
उसकी हालत गंभीर देखते हुए डीएम ने केजीएमयू प्रशासन से बातचीत की और उसे अस्पताल की एंबुलेंस से ट्रॉमा सेंटर शिफ्ट कराया। एक अन्य बच्ची को भी ट्रॉमा सेंटर शिफ्ट करने की तैयारी चल रही थी।
डीएम राजशेखर ने बताया कि बेबी ऑफ जुलेखा पूरी तरह से सुरक्षित है। समय से पहले पैदा होने के कारण उसे सांस लेने में दिक्कत थी। बेहतर इलाज के लिए उसे ट्रॉमा सेंटर के बाल रोग विभाग में भर्ती कराया गया है।
इन प्रसूताओं के बच्चे थे एनआईसीयू में
बेबी ऑफ नीतू पांडेय–लखीमपुर
बेबी ऑफ आरती सिंह–गोसाईगंज
बेबी ऑफ नेहा–निलमथा
बेबी ऑफ अंजू वर्मा–मोहनलालगंज
बेबी ऑफ रंजना–उतरठिया
बेबी ऑफ अफसाना–ठाकुरगंज
बेबी ऑफ शहनाज–मानस विहार कालोनी
बेबी ऑफ रेनू–अमेठी
बेबी ऑफ अनवरी–बाराबंकी।