बजती रही राष्ट्रगान की धुन, कुर्सी से चिपके रहे आईजी और एडीजी
बीकानेर. राजस्थान इन दिनों राजस्थान के बीकानेर में राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां जोर शोर से चल रही है. हालांकि, इस दौरान एक वाकया ने हर किसी को हैरत में डाल दिया.
दरअसल, तैयारियों का जायजा लेने बीकानेर दौरे पर आए राजस्थान पुलिस के एडीजी सौरव श्रीवास्तव समेत 5 आला अधिकारियों ने राष्ट्रगान धुन के दौरान अपनी कुर्सी से उठना उचित नहीं समझा और वे अपनी जगह पर बैठे रहे.
डॉ. करनीसिंह स्टेडियम में एडीजी सौरव और रेंज आईजी गिर्राज मीणा राष्ट्रगान धुन के दौरान अन्य अधिकारियों के साथ अपनी अपनी कुर्सियों से चिपके रहे, जबकि ट्रेनी आईपीएस पूजा यादव ने इस दौरान सैल्यूट किया.
पुलिस के आला अधिकारियों के राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने की यह हरकत कैमरे में कैद हो गई. दिलचस्प बात यह है कि इस घटना के दौरान वहां काम कर रहे मजदूर तक राष्ट्रगान की धुन सुनकर खड़े हो गए, लेकिन पुलिस अधिकारी बैठे रहे.
राष्ट्रगान और तिरंगे को लेकर सक्रिय जयपुर के ज्ञान प्रकाश कामरा का कहना है कि पुलिस अधिकारियों से इसकी अपेक्षा नहीं की जा सकती. सारा मसला भावना और श्रद्धा से जुड़ा हुआ है.
अगर कोई राष्ट्रगान नहीं गा रहा है तो उस पर कानूनी कार्रवाई तो की नहीं जा सकती. अगर कोई सम्मान में खड़ा भी नहीं हुआ, तो उसे जेल नहीं भेज सकते. पर जो लोग राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज या राष्ट्रगीत का सम्मान नहीं करते वह संविधान के मूल कर्तव्यों का उल्लंघन कर रहे होते हैं. दुर्भाग्य से यह उल्लंघन सजा के दायरे में नहीं आता. अगर ऐसा होता तो ऐसे अपमान करने वाले लोग नहीं होते.
तकनीकी तौर पर राष्ट्रगान के लिए यह प्रावधान है कि अगर आप खुले आसमां तले हैं तो आपको खड़ा होना जरूरी है. अब घर, थिएटर में कोई खुले आसमां तले नहीं होता, तो वह बाध्य नहीं है. कोई व्यक्ति अपने घर में बैठा है और राष्ट्रगान की आवाज आ रही है तो यह जरूरी नहीं है कि वह खड़ा हो जाए.