अद्धयात्म

बजरंग बली का स्मरण कर प्रारंभ करें शुभ काम, ये है आज का संपूर्ण पंचांग

download (48)12 अप्रेल 2016 को मंगलवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2073, संवत्सर नाम: सौम्य, अयन: उत्तर, शाके: 1938, हिजरी: 1437, मु.मास: रज्जब-4, ऋतु: बसंत, मास: चैत्र, पक्ष: शुक्ल है। 

शुभ तिथि

षष्ठी नन्दा संज्ञक तिथि रात्रि 10.41 तक, तदुपरान्त सप्तमी भद्रा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। षष्ठी तिथि में काठ की दातुन, यात्रा, उबटन तथा चित्रकारी को छोड़कर युद्ध, वास्तु, अलंकारादिक कार्य तथा अन्य मांगलिक कार्य प्रशस्त हैं। सप्तमी तिथि में सवारी, विवाहादि मांगलिक कार्य, नाचना, गाना, वस्त्रालंकार, यात्रा, प्रवेश आदि कार्य शुभ होते हैं। 

षष्ठी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: स्त्रीलोलुपोऽतिसुभगो विदयाकीर्तिपरोभवेत्। षष्ठ्यां चैव नरो जातो व्रणाङ्किततनु: स्थिर:।। अर्थात् शरीर में घाव के चिह्न अंकित, स्थिर, स्त्री लोभी, अतिसुन्दर, ऐश्वर्य से युक्त, विद्यावान और कीर्तिवान होता है।

नक्षत्र

मृगशिर नक्षत्र दोपहर बाद 2.54 तक, तदुपरान्त आर्द्रा नक्षत्र रहेगा। मृगशिर नक्षत्र में यदि समयादि शुद्ध हो तो विवाहादि मांगलिक कार्य, यज्ञोपवीत, यात्रा, देवप्रतिष्ठा, वास्तु व कृषि सम्बन्धी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। आर्द्रा नक्षत्र में कलह, विवाद, बन्धन, छेदन, अग्निविषादिक असद् कार्य और विद्यादि कार्य करने योग्य कहे गए हैं। 

मृगशिरा नक्षत्र में जन्मा जातक उत्साही चपलो भीरू: धनी सामप्रिय: शुचि: आगमज्ञ: प्रभुर्विद्वान चन्द्र नक्षत्रज: पटु:।। अर्थात् मृगशिर नक्षत्र में जन्मा जातक उत्साही, चपल, डरपोक, धनवान, शान्तिप्रिय, पवित्र, आगम अर्थात् तंत्र को जानने वाला प्रभुवान (समर्थ), विद्वान, कुशल व चतुर होता है।

योग

शोभन नामक शुभ योग सायं 4.49 तक, तदन्तर अतिगंड नामक नैसर्गिक अशुभ योग रहेगा। अतिगंड नामक योग की प्रथम छह घटी शुभ व मांगलिक कार्यों में त्याज्य हैं।

विशिष्ट योग

रवियोग दोपहर बाद 2.54 तक तथा यमघंट नामक अशुभ योग दोपहर बाद 2.54 से अगले दिन सूर्योदय तक।

करण 

कौलव नाम करण पूर्वाह्न 11.29 तक, तदन्तर तैतिलादि करण रहेंगे।

चंद्रमा

मिथुन राशि में रहेगा।

व्रतोत्सव 

मंगलवार को स्कन्ध षष्ठी व्रत, यमुना जयंती तथा अशोका षष्ठी (बंगाल में), छठा नवरात्रा है। इस दिन मां कात्यायनी की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

शुभ मुहूर्त

उक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार मंगलवार को किसी शुभ व मंगल कृत्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं हैं।

दिशाशूल

मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। अति आवश्यकता में कुछ गुड़ खाकर शूल दिशा की अनिवार्य यात्रा पर प्रस्थान किया जा सकता है। चंद्र स्थिति के अनुसार पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी।

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