बस्तर की किलेबंदी : जोगी के सवालों का रमन ने घोषणाओं से दिया जवाब
रायपुर, जगदलपुर। ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में चुनावी फतह के लिहाज से महत्वपूर्ण किला बस्तर पर मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह का फोकस है। वे एक पखवाड़े के भीतर दूसरी बार बस्तर पहुंचे। गुरुवार को आदिवासियों के सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यक्रम मुरिया दरबार में शामिल हुए। यहां कहा कि अगले साल दशहरे से पहले प्रधानमंत्री मोदी बहुप्रतीक्षित नगरनार प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने ऐतिहासिक बस्तर दशहरे के लिए राशि बढ़ाकर 25 से 45 लाख करने तो टेम्पल कमेटी के पुजारियों- मांझियों का मानदेय भी तत्काल देने की घोषणा की।
दूसरी ओर गुरुवार को ही अजीत जोगी भी कांग्रेस से अलग होने के बाद पहली बार बस्तर पहुंचे। कई लोकलुभावन वादों के साथ बस्तर की नब्ज थामने की कोशिश में ये तक कह दिया कि अगर उनकी सरकार बनी तो अगला उप मुख्यमंत्री बस्तरसे होगा।
बस्तर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सवालों का जवाब मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने अपनी घोषणाओं से दे दिया। जोगी ने बस्तर संकल्प में बस्तर दशहरा के बजट से लेकर पुजारियों के मानदेय तक का मुद्दा उठाया था। कुछ घंटे बाद ही मुख्यमंत्री ने हिसाब बराबर कर दिया। सीरासार मुरिया दरबार में मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर दशहरा हजारों लोगों की भागीदारी का अनूठा उत्सव है।
भव्यता बरकरार रखने अब हर साल 45 लाख रुपए सरकार देगी। टेम्पल कमेटी के पुजारियों और मांझियों को एक हफ्ते के अंदर मानदेय राशि दे दी जाएगी। उधर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भानुप्रतापपुर में सभा को संबोधित करते हुए बस्तर संकल्प पत्र पेश किया जिसमें कई लोकलुभावन वादे हैं। दावा है कि संकल्प पत्र पर 25 हजार लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं।
नगरनार से मिलेगा रोजगार : नगरनार प्रोजेक्ट स्थानीय लोगों के रोजगार व विकास की जरूरतों को पूरा करने वाला तो है। वहीं डॉ. सिंह सितंबर और अक्टूबर के 15-20 दिनों में बस्तर, दंतेवाड़ा और कांकेर में 759 करोड़ रुपयों केविकास कार्यों की घोषणा व लोकार्पण कर चुके हैं।
दशहरा लिफाफा का अनावरण
भारतीय डाक विभाग छत्तीसगढ़ परिमंडल ने बस्तर दशहरा पर आधारित विशेष लिफाफा जारी किया है। इसका अनावरण मुख्यमंत्री ने किया। इसमें रथ पर बैठे बस्तर महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव और रानी वेदवती की तस्वीर है।