लखनउ। पिछले तीन दिन से हो रही बारिश और नेपाल से आ रहे पानी की वजह से उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में भारी बाढ़ आ गई है। तराई क्षेत्र के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में नदियां उफान पर हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और सीतापुर में हैं। जानकारी के मुताबिक इन जिलों में बाढ़ और बारिश की वजह से करीब 10 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन के मुताबिक 500 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। 300 से ज्यादा लोग लापता हैं। गांववालों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर लोग नदी के बहाव में बह गए हैं। जबकि प्रशासन का कहना है कि सभी लोग सुरक्षित जगहों पर शरण लिए हुए हैं। सीतापुर का पचीसा गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है। इस गांव में करीब 200 परिवार रहते हैं जो बाढ़ में फंसे हुए हैं। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटों के दौरान बलरामपुर, उतरौला, सलेमपुर, गोंडा, और संभल के इलाकों में 7 से 9 सेमी के बीच वर्षा दर्ज की गई। बलिया, गाजीपुर, बहराइच, खलीलाबाद, दहेड़ी, बिसलपुर, धौरहरा, सादाबाद और शाहजहांपुर आदि इलाकों में चार से छह सेंटीमीटर के बीच वर्षा हुई है। मौसम विभाग ने जहां एक ओर अगले 24 घंटों के दौरान भी भारी वर्षा की आशंका जताई है, वहीं केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि घाघरा, राप्ती और बूढ़ी राप्ती नदियों में पूर्वांचल के कई इलाकों में तबाही फैलानी शुरू कर दी है।