बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के संचालन में पारदर्शिता लायी जाए : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने बाढ़ सुरक्षा परिषद की स्थायी संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता की
लखनऊ : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के संचालन में पारदर्शिता लायी जाए। उन्होंने कहा कि जन-धन हानि को रोकने वाली परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उन्हें निर्धारित समय में पूरा कराया जाए, जिससे आगामी वर्ष में बाढ़ से होने वाली क्षति को कम किया जा सके। उन्होंने आगाह किया कि इस मामले में किसी भी प्रकार की शिथिलता कतई सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने नेपाल से आने वाली नदियों से होने वाली क्षति को रोकने के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं को सीमावर्ती क्षेत्र विकास के तहत आच्छादित कराने का निर्देश देते हुए कहा कि इससे ऐसी परियोजनाओं को पूरा करने में केन्द्र सरकार से आर्थिक मदद मिल सकेगी। मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में बाढ़ सुरक्षा परिषद की स्थायी संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने निर्देशित किया कि इस वर्ष जिन 22 जनपदों के 55 स्थानों पर नदियों के तेज बहाव के कारण कटान से स्थानीय जनता प्रभावित हुई थी, उन कार्यों को शीघ्र पूरा कराया जाए। पहले से संचालित 220 परियोजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें से कई परियोजनाएं विगत चार-पांच वर्ष से स्वीकृत हैं, लेकिन उनके कार्य अभी पूरे नहीं हुए। इसलिए उन परियोजनाओं की पुनः समीक्षा की जाए, जो स्वीकृत तो हो गई हैं, परन्तु उनका कार्य शुरू नहीं हो सका है।
ज्ञातव्य है कि बाढ़ नियंत्रण के लिए विभाग को लोक निर्माण विभाग से सड़क निर्माण मद में पहले ही 500 करोड़ रुपए की धनराशि दी जा चुकी है। विभिन्न कार्यों के पश्चात अभी भी विभाग के पास लगभग 200 करोड़ रुपए की धनराशि अवशेष है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया है कि आगामी बजट में शेष 200 करोड़ रुपए की धनराशि विभाग को उपलब्ध करा दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी की कुल 220 परियोजनाएं संचालित हैं, जिन्हें पूर्ण करने के लिए विभाग को 1209.36 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग को 647.29 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट के माध्यम से इन परियोजनाओं के लिए की गई है। मुख्यमंत्री जी ने पहले से संचालित इन परियोजनाओं में उन परियोजनाओं की पुनः समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, जिनके कार्य अभी शुरू नहीं हो सके हैं। बैठक में बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, प्रमुख सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री सुरेश चन्द्रा सहित बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं अभियंता उपस्थित थे।