अद्धयात्म
बिना सांस के लम्बा जीवन जी सकता है मनुष्य
बन्दर की अपेक्षा हाथी बहुत मन्दगति से साँस लेता है, किन्तु बन्दर की आयु से हाथी की आयु अधिक होती है। साँप बहुत दिन जीते हैं, किन्तु कुत्ते थोड़े ही दिन। जबकि साँप बहुत धीरे धीरे साँस लेते हैं। हिमालय के रीछ कई बार जाड़े के पूरे मौसम भर गहरी नींद में पड़े रहते हैं। वहाँ कुछ चमगादड़ ऐसे होते हैं, जो पहाड़ी गुफाओं में सप्ताहों लटके सोते रहते हैं। यह नींद ऐसी होती है कि वे एक बार भी साँस नहीं लेते, खाने का प्रश्न तो बाद का है, तो भी वे जीवित रहते हैं, उसी प्रकार यह भी सम्भव है कि मनुष्य बिना साँस का लम्बा जीवन जी सकता है। प्राणायाम द्वारा यह अवरोध अभ्यास से ला सकना मनुष्य के लिये सम्भव रहा है और आगे भी रह सकता है।