बिहार की एक मासूम की पुलिस से गुहार: थानेदार अंकल, मुझे मेरे पापा से बचाइए
एक ओर जहां सरकार बेटियों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, लोग ‘बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ’ अभियान में लगे हैं, वहीं, एक पिता अपनी 12 साल की होनहार बेटी की जान का दुश्मन बना हुआ है। बच्ची ने पुलिस को आवेदन देकर रक्षा की गुहार लगाई है। पिता के खौफ से सहमी बच्ची फिलहाल शहर के एक वार्ड पार्षद के घर में सुरक्षित है।
भागलपुर के कॉर्मल स्कूल की कक्षा छह की एक छात्रा ने बताया कि अरवल जिले के अहियारपुर निवासी उसके पिता विकास कुमार ने उसके जन्म के बाद ही मां सीमा रानी और उसे घर से निकाल दिया था। उस वक्त पिता ने मारपीट भी की थी। मां का कसूर बस इतना था कि उसने बेटे को नहीं जन्म नहीं दिया। इसके बाद मां ने दूसरी शादी बांका जिले के कटोरिया में कर ली। दूसरे पिता से भी मां को एक बेटी है। बताया कि उसके अपने दूसरे पिता से बेहतर संबंध है और वे बराबर मिलने भी आते हैं।
लड़की ने बताया कि वह तिलकामांझी में रहकर नाना प्रेमचंद्र और नानी के यहां रहकर पढ़ाई करती है। 11 अप्रैल को उसके पिता विकास कुमार की मुलाकात नाना से तिलकामांझी हटिया रोड में हुई। जब नाना ने आने की वजह पूछी तो उसने दोस्त के यहां आने की बात कही। उस दिन जब वह छुट्टी के बाद स्कूल से बाहर निकली तो पिता कुछ लोगों के साथ उसे घूर रहे थे। इसके बाद वह घर भी आ गए।