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बिहार में इस बार 9.78 फीसदी ज्यादा मतदान

biharपटना । 16वें लोकसभा चुनाव में बिहार में छह चरणों में हुए मतदान के प्रतिशत में 15वीं लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत की तुलना में काफी वृद्धि दर्ज की गई। इसके लिए निर्वाचन आयोग जहां मतदाता जागरूकता अभियान को कारण बता रहा है वहीं राजनीतिक दल सरकार में परिवर्तन की बात कह रहे हैं। बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए छह चरणों में मतदान सोमवार को संपन्न हो गया। प्रथम चरण में छह संसदीय क्षेत्रों में 1० अप्रैल को मत डाले गए थे। पहले चरण में 51.43 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो वर्ष 2००9 में हुए मतदान की तुलना में 9.78 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह दूसरे और तीसरे चरण में सात-सात संसदीय क्षेत्र में मतदान हुआ जिसमें क्रमश: 51.31 प्रतिशत और 62.24 प्रतिशत मत पड़े। पिछले चुनाव से तुलना की जाए तो यह क्रमश: 11.97 और 1०.०2 प्रतिशत ज्यादा रहा। इसी तरह चौथे चरण में 3० अप्रैल को सात संसदीय क्षेत्र में हुए मतदान में 57.43 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया जबकि पांचवें चरण में 56.57 प्रतिशत मतदाता घरों से निकलकर मतदान केंद्र पर आकर अपना मत दिया। छठे और अंतिम चरण में छह संसदीय क्षेत्र में हुए मतदान में 56.67 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग किए जो पिछले चुनाव की तुलना में 12.3 प्रतिशत अधिक है। बिहार के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आर. लक्ष्मणन मतदान के प्रतिशत में वृद्धि का मुख्य कारण मतदाताओं के लिए जागरूकता अभियान चलाना बताया। वे कहते हैं कि विभिन्न तरीके से मतदाताओं को मत देने के लिए प्रेरित किया गया तथा मतदान केंद्रों में मतदाताओं को सुविधा प्रदान की गई। वे कहते हैं कि मतदान के दौरान कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं होने के कारण भी मतदाता मतदान को लेकर आकर्षित हुए। इधर राजनीतिक दल इसे सताधारी दल का विरोध बता रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता विनोद नारायण झा कहते हैं कि कांग्रेस से लोग त्रस्त हो गए थे लोग एक स्थायी और मजबूत सरकार के लिए घर से निकले और मतदान किया। जनता दल (युनाइटेड) के नेता और मंत्री श्याम रजक मानते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव से ही बिहार में मतदान के प्रतिशत में वृद्धि दर्ज की जा रही है। वे कहते हैं कि मतदान के प्रतिशत में वृद्धि जहां महंगाई और भ्रष्टाचार की केंद्र सरकार को सत्ता से हटाने का है। उन्होंने दावा किया मतों में जो वृद्धि हुई है वह मत जद (यू) को मिलेगा। बहरहाल मतदान के प्रतिशत बढ़ने का जो भी कारण रहा हो परंतु मतदान का बढ़ना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत जरूर है।

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