बिहार में कल रात से लोग हो रहे हैं बेहोश, पढ़ें क्यों
एजेन्सी/ बिहार में मंगलवार रात से अचानक कई जिलों से लोगों की बेहोश होने की खबरें आने लगी हैं. इतना नहीं कई लोग तो बहदवाश हालात में साबुन खाने लगें हैं. इसके बाद से पूरे राज्य में अफरातफरी का माहौल हो गया है. परिजनों को समझ मे नहीं आ रहा है कि आखिर कहां जाएं. सबसे हैरत वाली बात यह है कि इनकी मदद करने के लिए प्रशासन भी आगे नहीं आ रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि परिजनों बेहोश गए लोगों को या फि जो साबुन खा रहे हैं उनको डॉक्टर के पास ले जाने के साथ-साथ पुलिस से भी मदद मांग रहे हैं.
खबर के मुताबिक 50 वर्षीय गौसुद्दीन पिछले बीस सालों से देसी शराब पी रहे थे. पिछले दो दिनों से उन्हें शराब नहीं मिली तो वे पागलों जैसा बर्ताव करने लगे. अचनाक घर में रखे साबुन खाने लगे. परिवार वालों ने किसी तरह रोका. फिलहाल उन्हें बेतिया के एमजेके अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इसी तरह मोतिहारी के चैनपुर निवासी 50 वर्षीय रघुनंदन बेसरा पर शराबबंदी मुसीबत बन गई है. रघुनंदन पिछले दो दिनों से शराब के लिए बेचैन थे. मंगलवार को वे इस कदर परेशान हुए कि वे बेहोश होकर गिर पड़े. उन्हें ढाका के रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीवान के नशा मुक्ति केंद्र में 9 नए मरीजों को भर्ती कराया गया. पिछले पांच दिन में यहां 5 मरीज लाए जा चुके हैं. इनमें से 2 की हालत बिगड़ गई है. उन्हें पीएमसीएच रेफर किया गया है. बाकी का इलाज अभी चल रहा है.
खबर है कि मुजफ्फपुर में आर्मी कैंटिन में भी मंगलवार को शराब नहीं मिली. शराब के लिए बड़ी संख्या में रिटायर फौजी कैंटीन पहुंचे थे. वहां उन्हें पता चला कि यहां शराब नहीं मिल रही है तो वे हंगामा करने लगे. किसी तरह उन्हें समझा बुझा कर शांत कराया गया
दरअसल बिहार में नीतीश सरकार ने शराब पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है. कैबिनेट ने मंगलवार को इस फैसले को मंजूरी दी और तत्काल इसे लागू भी कर दिया. अब कोई भी व्यक्ति राज्य में देशी- विदेशी शराब खरीद, बेच या फिर पी नहीं सकता है. सरकार के इस फैसले का बड़ी संख्या में लोगों ने स्वागत किया हैं. वहीं इस पाबंदी से रोज पीने वाले लोग परेशान हैं. पहले दिन शाम को शराब नहीं मिली तो लोग बीमार होने लगे. कई को तो इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा है.