बीएसपी सुप्रीमो ने BJP के दलित सांसदों को बताया ‘नौटंकीबाज’
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने बीजेपी के दलित सांसदों को नौटंकीबाज कहा है. साथ ही कहा कि दलितों की ओर से बुलाया गया ‘भारत बंद’ पूरी तरह सफल रहा है. इसी से घबराकर बीजेपी के दलित सांसद नौटंकी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘भारत बंद’ के दौरान विरोध प्रदर्शन करने वाले दलितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना बीजेपी की असलियत को बयां कर रहा है. इससे बीजेपी की घबराहट जगजाहिर हो रही है. मायावती ने आरोप लगाया कि पिछले चार साल से बीजेपी के राज में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. रोहित वेमुला और ऊना में दलितों को प्रताड़ित किया गया, लेकिन बीजेपी के इन दलितों सांसदों ने कुछ नहीं कहा. अब इन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का डर सता रहा है, इसलिए वे अब पत्र लिखकर अपना विरोध जता रहे हैं.
मायावती ने आरोप लगाया कि पिछले चार साल से बीजेपी के राज में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. रोहित वेमुला और ऊना में दलितों को प्रताड़ित किया गया, लेकिन बीजेपी के इन दलितों सांसदों ने कुछ नहीं कहा. अब इन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का डर सता रहा है, इसलिए वे अब पत्र लिखकर अपना विरोध जता रहे हैं.
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि दलितों और आदिवासियों के सामने खोने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने बीजेपी को हिदायत देते हुए कहा कि दलितों के मुद्दे पर खेलना आग से खिलवाड़ करने के समान है. अगर ये नहीं सुधरे तो इनकी हालत ठीक वैसी ही हो जाएगी जैसे 1975 में इमरजेंसी के बाद कांग्रेस की हुई थी.
मायावती ने आरोप लगाया कि 2 अक्टूबर को आंदोलने के बाद से दलितों को पुलिस-प्रशासन और बीजेपी के लोग परेशान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दलितों के प्रति अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी.
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि आज बीजेपी के दलित सांसद अपने समाज के साथ भेदभाव और प्रताड़ना की बातें कर रहे हैं, लेकिन मैं जब संसद में इस मुद्दे को उठा रही थी तो कोई दलित सांसद सामने नहीं आया, अब ये लोग नौटंकी कर रहे हैं. यूपी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों मं संविधाना निर्माता डॉक्टर भीम राव राम आंडबेडकर की मुर्तियां तोड़े किए जाने की पर भी मायावती ने मौजूदा सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की हैं.
BJP जनता को समझ रही मूर्खों की जमात : मायावती
दो दिन पहले ही देश की विपक्षी पार्टियों को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से ‘सांप-छछूंदर, कुत्ता-बिल्ली’ कहे जाने की भर्त्सना करते हुए बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी सत्ता के अहंकार व नशे में देश की जनता को ‘मूर्खो की जमात’ समझने की भूल कर रही है, जबकि होशमंद जनता लोकसभा चुनाव से पहले ही उसे बार-बार ठोकरें मार रही है.
शाह ने विपक्षी एकता के प्रयासों पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को ओडिशा की एक रैली में कहा था, ‘देश में नरेंद्र मोदी की जो बाढ़ आई है, उसके डर से सांप, बिल्ली, नेवला, कुत्ते सब एक ही नाव पर सवार हो रहे हैं.’
उनके इस बयान पर मायावती ने कहा कि कुछ इसी प्रकार की अपमाननक, आपत्तिजनक व हीन भावना वाली ‘संघी भाषा’ का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किया गया था, जिसके लिए जनता ने उन्हें जोरदार चाबुक लगाकर करारी हार का कड़ा सबक सिखाया है.
उन्होंने कहा, “जनता की चाबुक लगी, फिर भी बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अपनी आपराधिक मानसिकता व संघी चाल व चरित्र से मजबूर नजर आता है, जिसे देश की जनता कतई नजरअंदाज करने वाली नहीं है.”
मायावती ने कहा कि शाह का बयान यह साबित करने को काफी है कि गुरु नरेंद्र मोदी व शिष्य अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी का स्तर किस हद तक नीचे गिर गया है. आज देश की जनता के सामने यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि क्या ऐसी घोर असभ्यता व बदजुबानी देश की सत्ताधारी पार्टी को शोभा देती है? लोकतंत्र में विपक्ष का भी महत्व है, लेकिन जिन लोगों को तमीज ही नहीं है, उन्हें क्या कहा जाए.
शाह ने केंद्र में बहुमत की अपनी पहली सरकार बनाने को महान उपलब्धि बताया था, जिस पर मायावती ने कहा कि खासकर अमित शाह व नरेंद्र मोदी के अहंकारी व जनविरोधी हठधर्मी रवैये के कारण ही भाजपा केंद्र में अकेली पड़ गई है. उसके सहयोगी दल आज उसके खिलाफ बगावत का झंडा लेकर खड़े हैं.