बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या को लेकर योगी सख्त, अधिकारीयों को दिए दिशा-निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार बुन्देलखण्ड की पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है, जिससे बुन्देलखण्ड निवासियों को निजात दिलाई जा सके, भविष्य में पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अभी से आवश्यक कदम उठाने होंगे। गंगा नदी और यमुना नदी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी अविरलता बनाए रखने तथा इनमें प्रचुर मात्रा में जल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इन पर जल आपूर्ति के लिए निर्भरता कम करनी होगी। राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में भी आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। इसके लिए इनके तटों पर निश्चित अन्तराल पर जल संचयन के लिए विशाल तालाबों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, भूगर्भ जल रिचार्जिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह विचार रविवार को यहां अपने आवास पर बुन्देलखण्ड में पेयजल योजनाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण देखते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में जल की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा 06 विलुप्तप्राय नदियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके सुखद परिणाम परिलक्षित होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष से ही बुन्देलखण्ड सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में जलसंचयन की दिशा में सार्थक प्रयास शुरू कर दिए गए थे, जिसके चलते इस वर्ष अधिकतर क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र राज्य में जल समस्या के समाधान के लिए सरकार, राजनैतिक संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों तथा जनसहभागिता से चलाए जा रहे ‘सुजलाम् सुफलाम्’ अभियान पर प्रस्तुतिकरण भी देखा। महाराष्ट्र में यह अभियान सूखा प्रभावित जनपदों में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। इस अभियान को सूखा प्रभावित जनपद में जिला प्रशासन की मदद से लागू किया जाता है। इसके तहत सम्बन्धित जनपद में सबसे पहले विभिन्न वाटरशेड ढांचों जैसे डैम, तालाब, एम0आई0 टैंक, परकोलेशन पाॅण्ड तथा फार्म पाॅण्ड को चिन्हित किया जाता है। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परेश्वरन अय्यर, नीति आयोग सी0ई0ओ0 अमिताभ कान्त, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, महाराष्ट्र के मृदा एवं जल संरक्षण आयुक्त श्री दीपक सिंगला, नीति आयोग के अन्य अधिकारीगण एवं स्वयं सेवी संगठन भारतीय जैन संगठना के पदाधिकारीगण मौजूद थे।