उत्तर प्रदेशलखनऊ

बेटी और पत्नी के साथ पहुंचे अमर सिंह, राज्यसभा के लिए किया नामांकन

mukhtar-abbas-nakvi-addressed-people-in-rampur_1459014549सपा प्रत्या‌श‌ियों ने नामांकन के दूसरे द‌िन अपना खाता खोला। व‌िधानसभा के केंद्रीय हाल में अमर स‌िंह, बेनी प्रसाद सह‌ित कई लोगों ने बुधवार को नामांकन कराया।
 

अमर सिंह दोपहर 12 बजकर 48 म‌िनट पर व‌िधानसभा के केंद्रीय भवन पहुंचे और सबसे पहले नामांकन किया। उनके साथ उनकी पत्नी और बेटी भी मौजूद रहीं। अमर सिंह के बाद बेनी प्रसाद ने पर्चा दाखिल किया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा, पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद, सुखराम सिंह यादव, रेवती रमण सिंह, सुरेन्द्र नागर और संजय सेठ को म‌िलाकर सात लोगों ने नामांकन क‌िया। नामांकन के दौरान सपा नेता रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे। वहीं विधान परिषद के प्रत्याशी माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव, यशवंत सिंह, बुक्कल नवाब, राम सुंदर दास निषाद, शतरुद्र प्रकाश, जगजीवन प्रसाद, कमलेश पाठक और रणविजय सिंह ने अपना परचा दाखिल किया। 

बता दें कि राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव के लिए मंगलवार को पहले दिन कोई नामांकन नहीं हुआ। हालांकि सपा, भाजपा, कांग्रेस और बसपा की ओर से पर्चे जरूर खरीदे थे। सपा प्रत्याशियों ने बुधवार को नामांकन किया जबकि बसपा प्रत्याशी एक साथ 28 मई को नामांकन कर सकते हैं। 

भाजपा ने अभी प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं लेकिन इसके प्रत्याशियों के भी 28 या 29 मई को नामांकन करने की जानकारी मिली है। 

राज्यसभा व विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव के लिए 31 मई तक नामांकन किए जा सकते हैं। पहले दिन सपा, भाजपा, कांग्रेस और बसपा की ओर से नामांकन पत्र खरीदवाए गए। 

सपा ने राज्यसभा के लिए सात और विधान परिषद के लिए आठ उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। बसपा ने राज्यसभा के लिए दो और परिषद के लिए तीन प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। 

जानकारी के मुताबिक, भाजपा की प्रदेश इकाई  राज्यसभा और विधान परिषद के लिए सिर्फ एक-एक उम्मीदवार उतारने के मूड में है। पर, अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। 

भाजपा राज्यसभा के लिए मुख्तार अब्बास नकवी को फिर मैदान में उतारने का मन बना चुकी है। वह इस समय भी उप्र से ही राज्यसभा सदस्य हैं। विधान परिषद के मौजूदा सदस्य हृदयनारायण दीक्षित के नाम पर पार्टी के भीतर अभी आम राय नहीं बन पाई है। 

कुछ लोग पिछड़ा व दलित चेहरा उतारने का तर्क दे रहे हैं। पर, केंद्रीय नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ लोगों की तरफ से यह कहा गया है कि चुनावी वर्ष में इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। 

ब्राह्मणों में गलत संदेश जा सकता है। साथ ही विधान परिषद में  सरकार पर भाजपा के आक्रमण की धार कमजोर पड़ सकती है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा उम्मीदवारों के नाम पर से बुधवार को परदा उठ सकता है।

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