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बेतवा नदी का अंत नज़दीक, जमकर हो रही अवैध खनन

betwa khanan newsराठ (हमीरपुर)। बुंदेलखंड की जीवन रेखा चंबल, नर्मदा, यमुना और टोंस आदि नदियों में अवैध खनन तेजी से जारी है। बुंदेलखंड की धड़कन मानी जाने वाली बेतवा नदी के साथ हो रही छेड़-छाड़ से जल संकट बढ़ गया है। पिछले कुछ सालों में बुंदेलखंड की नदियों की तलहटी से जिस अंधाधुंध तरीके से खनन किया जा रहा है, जिससे समय ज़्यादा दूर नहीं जब इन नदियों के अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। ऐसा नहीं है की प्रदेश में जारी अवैध खनन के बारे में खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को जानकारी नहीं है, लेकिन मंत्री से लेकर अधिकारी तक सब सब जानकर अनजान बने हुए हैं । यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब बेतवा नदी इतिहास बन जाएगी ।

विरहट गांव की तलहटी में बह रही बेतवा नदी से मौरंग माफिया अवैध रूप से खनन कर धड़ल्ले से मौरंग बेच रहे हैं। रात में सैकड़ों ट्रैक्टर मौरंग लादे देखे जा सकते हैं। वहीं इन ट्रैक्टरों से पुलिस जमकर वसूली कर रही है। मौरंग के अवैध खनन से प्रदेश सरकार को लाखों रुपए रोज के राजस्व की चपत लग रही है जबकि सरकार के कारिंदे देखकर भी अनजान बने हुए हैं। सरीला तहसील के विरहट इस्लामपुर गांव की तलहटी से बेतवा नदी पर पिछले एक महीने से बिना कोई खंड के एमएम 11 दिए बगैर खनन जारी है। बता दें इस नदी से मौरंग माफिया बाकायदा टेंट लगाकर रात को सैकड़ों ट्रैक्टर में मौरंग लादकर करीब 900-1500 रुपए प्रति ट्राली वसूल रहे हैं। माफिया ने मौरंग को ढोने वाले करीब दो किमी के बीहड़ भरे रास्ते को दुरुस्त भी कराया है। ऐसा नहीं है कि मौरंग से लदे ट्रैक्टरों की निकासी की जानकारी स्थानीय प्रशासन को न हो। बेतवा नदी से हो रहे अवैध खनन से नदी का स्वरूप पूरी तरह से बिगड़ रहा है।

मौरंग भरने जा रहे ट्रैक्टरों के आने जाने से उड़ रही धूल से नदी किनारे खेती करने वाले किसानों की फसलें बर्बादी की कगार पर पहुंच गई हैं। नदी से कुछ दूर पर गेहूं, चना, लाही की फसल करने वाले किसान उदयभान निषाद ने बताया कि रात के समय हो रही ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी से उनकी फसलें बर्बाद हो रही है। उन्होंने कई बार मौरंग ढोने से मना किया लेकिन माफिया लड़ने पर उतारू हो जाते हैं। विरहट गांव के लोगों का कहना था कि उन्होंने कई बार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को मौरंग के अवैध खनन कर निकासी की शिकायत की लेकिन इस पर रोक नहीं लगी है। प्रधान ने बताया कि उन्होने एसडीएम सरीला और चिकासी पुलिस को फोन पर अवैध खनन की कई बार जानकारी दी लेकिन खनन नहीं रुका। वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि किसानों की फसलें भी नष्ट हो रही हैं। नदी पर पहुंचने के लिए मौरंग माफिया ने खेतों से रास्ता निकालते हैं। आरोप है कि मौरंग के अवैध खनन का कारोबार पुलिस के संरक्षण में फलफूल रहा है। शाम होते ही पुलिस मौरंग ढोने वाले ट्रैक्टरों से वसूली शुरू कर देती है।

 

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