बेहद शातिर निकले मामा-भांजे, ‘रईसी’ के साथ की डकैती
एएसपी सिटी उत्तरी विजय ढुल ने बताया कि जिला पंचायत कौशांबी में कार्यरत इंजीनियर अभय सिंह के घर शुक्रवार को मीटर चेक करने के बहाने नौकर मोहित को बंधक बनाकर लूटपाट की तफ्तीश में जुटी टीम ने मोहित से पूछताछ के बाद बहराइच के हुजूरपुर थाने के गांव चौभइया निवासी उसके मामा अजय सिंह, लखीमपुर खीरी के फूलबेहड़ थाने के जोधपुर निवासी शरीफुल व जाहिद को गिरफ्तार किया।
चारों के कब्जे से चार जोड़ी झाला, हार सेट, कान का सुईधागा, टाप्स समेत अन्य गहने व 45 सौ रुपये बरामद हुए। अभय सिंह की पत्नी सुमन सिंह ने थाने पहुंचकर अपने गहनों को पहचाना। कुछ गहने व नगदी के साथ फरार फूलबेहड़ निवासी नसीम की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं।
कुछ ही दिनों में अजय ने इंजीनियर व उनकी पत्नी का विश्वास जीत लिया और साल भर पहले बहराइच के ओजपुर थाने के खजुआपट्टी निवासी अपने भांजे मोहित को घर में झाड़ू-पोछा का काम दिला दिया। अभय सिंह उसे 55 सौ रुपये वेतन देते थे। इसके अलावा पिता के इलाज के लिए दस हजार रुपये दिए थे।
मोहित को तीन हजार रुपये वेतन के अलावा भी पैसे देते रहते थे। घर में नगदी व गहने देखकर दोनों नौकरों को लालच आ गया और मोटी रकम ऐंठने की योजना बनाने लगे।
बेटे के अपहरण की बनाई थी योजना
सीओ गोमतीनगर सत्यसेन यादव ने बताया कि अजय व मोहित रोजाना कुछ दूर स्थित तिवारी टिंबर पर बैठते थे। टिंबर के ट्रैक्टर चालक शरीफुल से दोस्ती हुई और उसके साथ मिलकर अभय सिंह के बेटे आदित्य के अपहरण की योजना बनाई।
शरीफुल ने अपने गांव के जाहिद व नसीम से बात की। तय हुआ कि 40 लाख की फिरौती वसूलेंगे लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सके। दरअसल, अजय को डर था कि अपहरण होते ही सीधा उस पर शक जाएगा और पुलिस व परिवारीजन उससे सच उगलवा लेंगे। इसके चलते पांचों लोगों ने डकैती की साजिश रची।
दो अन्य अलमारियां व सूटकेस खंगालकर नगदी व गहने बटोरे। इस दौरान मोहित ने सभी को खाना खिलाया। माल बटोरने के बाद सभी ने दो घंटे आराम करने के साथ टीवी देखा।
नौकर ने खुद बांधा मुंह
हत्थे चढ़े जाहिद व शरीफुल ने बताया कि शाम चार बजे मोहित ने नसीम को बड़ा तौलिया देकर हाथ बांधने को कहा। इसके साथ छोटे तौलिया से उसने खुद ही अपना मुंह बांध लिया था। चारों के जाने के आधा घंटा बाद उसने शोर मचाया और आसपास के लोगों को जानकारी दी।
इस बीच शरीफुल अपने टिंबर पर पहुंच चुका था। जाहिद व नसीम ऑटो से चिनहट होते हुए पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंचे। वहां से लखीमपुर के लिए बस पकड़ ली और अजय सिंह अपने घर के लिए रवाना हो गया था।