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बैंकॉक में दिल्ली से 258 फीसदी कम प्रदूषण, इसके लिए पीएम ने मांगी माफी

  • बैंकॉक में सात दिनों के लिए स्कूल बंद किए गए। 
  • हालात के लिए थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने मांगी माफी। 
  • धुंध कम करने के लिए टैंकर, ड्रोन और विमान से किया जा रहा पानी का छिड़काव।
  • दिल्ली में बैंकॉक से 258 फीसदी ज्यादा प्रदूषण।

ऑक्सीजन के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना मुमकिन नहीं है शायद यही वजह है कि इसे ‘प्राण वायु’ कहते हैं। मगर जब इस हवा में ही जहर घुल जाए तो बीमारियां बढ़ने और जिंदगी सिकुड़ने लगती है। देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों प्रदूषण का प्रकोप झेल रही है। स्थानीय प्रशासन बिगड़ते हालात के बीच निष्क्रियता की स्थिति में है।

बैंकॉक में दिल्ली से 258 फीसदी कम प्रदूषण, इसके लिए पीएम ने मांगी माफी

दिल्ली से 4,236 किमी दूर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में प्रदूषण के इसी खतरे को देखते हुए कई जरूरी कदम उठाए गए हैं। प्रदूषण ने यहां इमरजेंसी के हालात पैदा कर दिए है। कई स्कूलों में सात दिनों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। प्रशासन ने लोगों को बिना मास्क के बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।

थाइलैंड के पीएम ने मांगी माफी
हवा में पीएम 2.5 के बढ़ते स्तर के कारण जनता को हो रही परेशानी की वजह से प्रधानमंत्री प्रायुत चान ने माफी मांगी है। शनिवार को हवा में पीएम 2.5 का स्तर 156 रहा। डीजल की गाड़ियों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की गई है। जहरीली धुंध पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने टैंकर, ड्रोन और विमान से पानी का छिड़काव कराना शुरू कर दिया है। इस हालत के पीछे की वजह चीन से आ रही जहरीली हवा को बताया जा रहा है। इसमें टंगस्टन, आर्सेनिक और कैडमियम की मात्रा 8 गुना तक ज्यादा है।

प्रदूषण के चलते हेल्थ केयर पर 360 करोड़ से 710 करोड़ रु. का अतिरिक्त भार आने की आशंका है। इसके अलावा 4.5% विदेशी टूरिस्ट घट सकते हैं, जिससे 800 करोड़ का नुकसान संभव है।

दिल्ली में हालात और भी बुरे 
प्रदूषण दिल्ली का दम घोट रहा है मगर अबतक कोई जरुरी कदम नहीं उठाए हैं। यह स्थिति तब है जब पिछले साल दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 14 भारत के थे। आंकड़ों की मानें तो हर साल 36,914 बच्चे प्रदूषण की वजह से काल के गाल में समा जाते हैं। दिल्ली प्रदूषण बैंकॉक के मुकाबले 258 फीसदी कम है मगर यहां अबतक उसके आधे प्रयास भी नहीं किए गए है। शनिवार को दिल्ली में अधिकतम पीएम 2.5 का स्तर 404 जबकि बैंकॉक में 156 रहा।

भारत में प्रदूषण से हर साल 20 लाख की मौत

बता दें कि शून्य से से 50 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 100 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 400 से 500 के बीच खतरे से ऊपर माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2016 की रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण से दुनियाभर में 42 लाख मौतें हुई थी, इनमें से 20 लाख अकेले भारत में हुई थी। यह संख्या मलेरिया, टीबी और एड्स से मरने वाली की संख्या से भी ज्यादा है। स्पेन की ग्लोबल हेल्थ ने सात से 10 साल के 2660 बच्चों पर अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकला कि वायु प्रदूषण से बच्चों में मोटापे का खतरा होता है।

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