मंडी (हिमाचल प्रदेश) । हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के करीब ब्यास नदी की तेज धारा में बह जाने वाले हैदराबाद इंजीनियरिंग कॉलेज के एक और छात्र का शव बुधवार को राहतकर्मियों को मिला है। इसके साथ ही मरने वाले छात्रों की संख्या बढ़ कर छह हो गई है। इस हादसे में बह गए 18 छात्र व टूर गाइड अब भी लापता हैं। उनकी खोज के लिए अभियान बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। अधिकारियों का कहना है कि नजदीकी पनबिजली परियोजना द्वारा बिना चेतावनी पानी छोड़ने से ब्यास नदी में अचानक बाढ़ आ गई और नदी की तेज धारा में छात्र व टूर गाइड बह गए। उन्होंने बताया कि तेज धार में बह गए छात्रों के बचने की संभावना बेहद कम है। छठा शव दुर्घटनास्थल के नजदीक स्थित हैनोगी माता मंदिर के नजदीक बरामद किया गया है। मृतक की पहचान शाबिर हुसैन के रूप में हुई है और यहां मौजूद उसकी मां आयशा हुसैन ने उसके शव की पहचान की। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कमांडिंग अधिकारी जयदीप सिंह ने बताया ‘‘नदी में दुर्घटना स्थल से लेकर पंडोह बांध तक खोज अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के 2० गोताखोरों के साथ-साथ 84 लोगों की टीम इस काम में लगी है।’’ सेना ने भी 18 गोताखोरों को इस काम में लगाया है। सिंह ने बताया ‘‘ऐसा लगता है कि अधिकतर शव नदी की तलहटी में या तो पत्थरों के बीच या बालू में धंस गए हैं। पंडोह बांध के बाहर शवों के बहने की संभावना बहुत कम है। हम बांध के प्रवाह पर निरंतर नजर बनाए हुए हैं। हमें उम्मीद है कि फूले हुए शव गुरुवार या शुक्रवार तक सतह पर आ जाएंगे।’’ इस हादसे में जान गंवाने वाले पांचवें पीड़ित देवाशीष बोस का शव मंगलवार शाम हैदराबाद ले जाया गया। ब्यास नदी की तेज धारा की चपेट में आने वाले छात्र हैदराबाद के इंजीनियरिंग कॉलेज वी. एन. आर. विज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के थे जो मनाली घूमने गए थे। 6० से अधिक छात्र और फैकल्टी सदस्य मनाली पहुंचे थे। उनमें से कुछ रविवार शाम नदी किनारे खड़े होकर फोटो ले रहे थे जब पास की ही एक पनबिजली परियोजना के बांध से छोड़े गए पानी के कारण ब्यास नदी की तेज धारा में बह गए।