बड़ीखबर : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर संशय बरकरार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रचंड बहुमत हासिल कर लेने के बाद भी मुख्यमंत्री के नाम पर संशय अभी भी बरकरार है। ‘मोदी मैजिक’ के जरिये प्रदेश में 325 सीटें हासिल करने वाली भाजपा और उसके गठबंधन दलों में मुख्यमंत्री पद को लेकर कवायद तेज हो गयी है हालांकि सभी नेता यह कहते हैं कि जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहेंगे, मुख्यमंत्री वही होगा। वे यह भी कहते हैं कि मुख्यमंत्री का नाम श्री मोदी ने तय कर लिया होगा। उनके अलावा इसकी सटीक जानकारी यदि किसी को होगी तो वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह होंगे।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को भी इसकी जानकारी हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषक और भाजपा मामलों के जानकार राजाराम सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान लखनऊ में विधानमंडल दल की बैठक में ही किया जायेगा। इस पद के लिये केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का नाम तेजी से आगे बढा है लेकिन वह मुख्यमंत्री बनने से इन्कार कर रहे हैं।
उधर, यह भी चर्चा है कि चुनाव में अति पिछडे वर्ग का व्यापक समर्थन मिला है इसलिये मुख्यमंत्री भी उसी वर्ग का हो सकता है। राजनीतिक गलियारों में पिछडे वर्ग से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए सुर्खियों में है। हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सांसद होने के नाते श्री मौर्य का पत्ता कट भी सकता है।
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इसके अलावा केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, योगी आदित्यनाथ, भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना, भाजपा उपाध्यक्ष और लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा, मथुरा से विधायक चुने गये श्रीकांत शर्मा तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र और इलाहाबाद से विधायक चुने गये सिद्धार्थ सिंह का नाम चर्चा में है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है हरियाणा की तरह कोई ऐसा चेहरा भी सामने लाया जा सकता है जो आमतौर पर सुर्खियों में न रहता हो।