बड़ीखबर : योगी के एंटी रोमियो एक्शन पर HC की मुहर…
अपने-अपने तर्क
याची : निजता के अधिकार पर अतिक्रमण
गौरव गुप्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार को ऐसी अति नहीं करनी चाहिए, जिसकी वजह से वयस्कों और युगलों के निजता के अधिकार पर अतिक्रमण हो। उन्हें पुलिस द्वारा संदेह की नजरों से देखा जाए जैसे वे कोई गैर-कानूनी काम कर रहे हों। इसकी वजह से समाज की शांति बिगड़ सकती है। वहीं ‘एंटी रोमियो स्क्वाएड’ जैसे शब्द की वजह से समाज का सामान्य माहौल बिगड़ सकता है और बेगुनाह युगलों में खौफ फैल सकता है। याचिका में कहा गया था कि पुलिस निरंकुश होकर शक्तियों का उपयोग कर रही है, जो संविधान के खिलाफ है। ‘एंटी रोमियो स्क्वाएड’ के लिए कोई गाइडलाइन नहीं बनाई गई, ऐसे में इसका उपयोग जनहित में नहीं मॉरल पुलिसिंग में हो रही है। यह गैर-कानूनी है, इसलिए हाईकोर्ट इसे रुकवाए।
प्रदेश सरकार: नागरिक भी कानून से बंधे, वे भी कानून मानें
गृह विभाग की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता और एसएसपी लखनऊ ने हाईकोर्ट में बताया कि डीजीपी ने इस मामले से संबंधित आदेशों में साफ कहा है कि आईपीसी, सीआरपीसी, पुलिस एक्ट, यूपी पुलिस रेग्युलेशंस और अन्य कानूनों के भीतर रहते हुए ही काम किया जाए। ऐसे में स्क्वाएड की गतिविधियों को गैर-कानूनी नहीं कहा जा सकता। पुलिस गाइडलाइंस के तहत काम कर रही है। वहीं प्रदेश के नागरिक भी कानूनी से बंधे हैं जिन्हें कानून लागू करने वाली एजेंसी की बात भी माननी होगी।