बड़ी खबर: शाही शासन की पहली स्वीकारोक्ति, हमारे दूतावास में ही मारे गए खशोगी


इस बीच व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह इस पूरे मामले में अंतरराष्ट्रीय जाचकर्ताओं पर करीबी नजर बनाए हुए है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि जो लोग भी इस हत्या में जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में सऊदी अरब सरकार के खिलाफ लिखने वाले पत्रकार जमाल खशोगी तुर्की में अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से निकाह करना चाहते थे। इसकी मंजूरी के लिए वे दो अक्तूबर को दस्तावेज लेने इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे जहां से वे वापस नहीं लौटे।
लगातार इनकार के बाद इसलिए झुका सऊदी अरब
दो अक्तूबर को तुर्की स्थित सऊदी अरब दूतावास में पत्रकार की एक झड़प में मौत को पहली बार सऊदी अरब सरकार ने स्वीकार किया है जबकि वह पिछले 17 दिन से अपने बयान पर कायम था कि खशोगी दूतावास से वापस चले गए थे। इस मामले में तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोवान का दबाव सबसे अधिक प्रभावी रहा, क्योंकि वे शुरू से अपनी बात पर अड़े रहे कि पत्रकार की हत्या हुई है। इसी कारण फ्रांस समेत कई देशों ने सऊदी अरब में हो रहे निवेश सम्मेलन में जाने से हाथ खींच लिए। अमेरिका को मजबूरी में मित्रता के बावजूद सऊदी अरब पर अपने लापता नागरिक के लिए दबाव बनाना पड़ा।