बड़ी खबर: NTPC प्लांट में कोयला हुआ खत्म, दिल्ली से बंगाल तक गुल होगी सबकी बत्ती
एनटीपीसी की 4,200 मेगा वाट की क्षमता वाली पू्र्वी भारत में स्थित प्लांट को कोल सप्लाई करने वाली माइन में स्टॉक लगभग खत्म हो गया है। इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत पूरे नार्थ इंडिया में होने वाली पावर सप्लाई बहुत जल्द प्रभावित हो सकती है। इसके चलते इस इलाके में स्थित दो अहम पावर प्लांट्स के प्रॉडक्शन में भारी गिरावट आई है।
राजमहल माइंस के मौजूदा रिजर्व्स लगभग खाली हो गए हैं और प्रॉडक्शन लेवल को बरकरार रखने के लिए माइंस के एक्सपेंशन की जरूरत है। हालांकि राजमहल माइंस से सटे दो गांवों- बंसबीहा और तालझारी में भूमि अधिग्रहण के एक लंबी प्रक्रिया में बदल चुकी है।
एनटीपीसी के एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘स्थानीय प्रशासन ने भूमि-अधिग्रहण के लिए 2 साल पहले नोटिस जारी किए थे। हालांकि एक लंबी मान-मनौव्वल के ग्रामीण पिछले कुछ महीनों में जमीन छोड़ने को राजी हुए हैं। करीब 160 हेक्टेयर में फैले इसे इलाके में ज्यादा आबादी नहीं है। फिर भी इलाके की ज्यादातर जमीन विवादों में फंस गई है क्योंकि एक ही प्लाट के लिए करीब 40 से 50 लोग मालिकाना हक का दावा कर रहे हैं। कई प्लाट्स ऐसे हैं, जहां राज्य सरकार उसके सही मालिक की पहचान नहीं कर पा रही है, जिसे मुआवजे की राशि ट्रांसफर की जानी है। राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयास पहले काफी धीरे थे, हालांकि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद उनके प्रयासों में तेजी आई है।’
एनटीपीसी एग्जिक्यूटिव ने कहा, ‘अगर राजमहल में बारिश नहीं हुई तो, फरक्का प्लांट 60 पर्सेंट और काहलगांव प्लांट 80 पर्सेंट की जेनरेशन क्षमता के साथ काम करते रहेंगे। लेकिन अगर कोल इंडिया की तरफ से सप्लाई में और कमी आई तो हमें अपने यूनिट्स को बंद करने या अपनी क्षमता को और कम करने पर मजबूर होना पड़ेगा।’