भंडारण की कमी के कारण 30 से 40 लाख टन प्याज बर्बाद हुआ
नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि देश में अपर्याप्त भंडारण सुविधाओं के कारण हर वर्ष करीब 30 से 40 लाख टन प्याज बर्बाद हो जाता है। उन्होंने ऐसी इकाइयों में निजी निवेश की वकालत की। मौजूदा समय में देश में करीब पांच लाख टन प्याज की कमी है जिसके कारण इसकी खुदरा कीमतें देश के कई भागों में 80 रपये प्रति किलो हो चली हैं। केन्द्र सरकार को आयात करने का सहारा लेना पड़ा है तथा उसने आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किये हैं। पीएचडी चेम्बर्स के द्वारा आयोजित एक समारोह में वाणिज्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव संतोष सारंगी ने कहा,ै करीब 30 से 40 लाख टन प्याज हर वर्ष बर्बाद हो जाता हैं जिसका कारण अपर्याप्त भंडारण सुविधा का होना है।ै
कृषि एवं बागवानी उत्पादों के लिए देश भर में भंडारण सुविधाओं के निर्माण की वकालत करते हुए सारंगी ने कहा कि ऐसी सुविधाओं के लिए बगैर देर किये सार्वजनिक और निजी दोनों ही निवेश किया जाना चाहिये।